कोरोना महामारी के नए वेरिएंट ओमीक्रॉन को लेकर पुरे विश्व में दहशत का माहौल है। जहां कुछ विशेषज्ञों को कहना है कि, ओमीक्रॉन से तीसरी लहर संभावित है। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि, ओमीक्रॉन कोरोना वायरस के पिछले वैरिएंट्स की तुलना में ज्यादा घातक नहीं है। बता दें कि WHO के उच्च अधिकारी ने कहा कि इसकी संभावना बहुत कम है कि ओमिक्रॉन फुली वैक्सीनेटेड लोगों को संक्रमित कर पाएगा। उनका कहना है कि इस नए वेरिएंट के बारे में फिलहाल ज्यादा कुछ जानकारी नहीं है. लेकिन शुरूआती जांच में इसके डेल्टा से कम खतरनाक होने के संकेत मिले हैं।
US के टॉप साइंटिस्ट का दावा भी जान लीजिए -
अमेरिका के टॉप साइंटिस्ट एंथनी फौसी ने दावा किया है कि, डेल्टा वैरिएंट की तुलना में ओमिक्रॉन ज्यादा घातक नहीं है। एंथनी फौसी का कहना है कि, शुरआती स्टडी में मरीज पर ओमीक्रॉन के हलके असर के संकेत मिले है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि ओमीक्रॉन वैरिएंट की गंभीरता को जानने में हफ्तों लग सकते है।
नौनिहालों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर WHO ने जताई चिंता
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने नौनिहालों में कोविड-19 के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है। WHO ने मंगलवार को कहा कि यूरोप में पांच से 14 आयु वर्ग के बच्चों में कोरोना संक्रमण की दर सबसे ज्यादा पाई गई है। वहीँ, डब्ल्यूएचओ यूरोप के क्षेत्रीय निदेशक डाॅ. हंस क्लूज ने तर्क देते हुए कहा की कोरोना से होने वाली मौतें पहले की तुलना में काफी कम हैं। वैक्सीन ही अंतिम उपाय है।
क्लूज ने यूरोपीय देशों से युवाओं के बीच मामलों में तेजी से वृद्धि के बीच बच्चों और स्कूलों की रक्षा करने का भी आग्रह किया है। क्लूज का कहना है कि, कुछ स्थानों पर औसत आबादी की तुलना में छोटे बच्चों में कोरोना संक्रमण की दर दो से तीन गुना अधिक थी।
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