मध्यप्रदेश के राजगढ़ में बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिले के निंद्रा खेड़ी गांव में प्रीतम गौशाला की गायें बाढ़ के पानी में बह गई। तीन दिन बाद पानी कम होने पर गोवंश के शव खेत, नदी, झाड़ियों और पेड़ पर लटके मिले। अभी तक 25 गायों के शव मिल चुके हैं, जिनमें 23 गाय व 2 छोटे बछड़े हैं। इसे लेकर हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं में गुस्सा देखा जा रहा है। शिकायत के बाद तलेन थाना पुलिस ने गौशाला संचालक प्रीतम महाराज सहित कुल तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
जिले के तलेन के समीप निंद्राखेड़ी गांव में प्रीतम राजपूत उर्फ प्रीतम महाराज गौशाला का संचालन करते हैं। इस गौशाला में तकरीबन 100 गायें थी। राजगढ़ में लगातार बारिश होने से उगल नदी में आई बाढ़ के कारण गौशाला के संचालक और कर्मचारी गौशाला में ताला लगाकर चले गए, जिसके कारण गौशाला में बंद गोवंश भाग नहीं पाए और नदी के पानी में बह गए।
गायों का मरना बहुत ही दुखद है। इस घटना की सूचना थाना तलेन के निंद्रा खेड़ी से मिली है कि नदी में जब पानी उफान पर था, तब गोशाला का ताला नहीं खोला गया। जिस कारण 25 गायों की मौत हो गई, जिसमें 23 गाय और 2 बछड़े हैं। उनको विधिवत दफनाया गया है साथ ही आरोपियों के खिलाफ धारा 429, 34 में मामला दर्ज किया गया है।
अवधेश कुमार गोस्वामी,एसपी, राजगढ़
भारी बारिश के चलते 22 अगस्त को उगल नदी का पानी गौशाला में भर गया था। वहीं गोशाला कर्मचारी गायों को ताला लगाकर चले गए जिससे गायें डुब कर मर गई। ग्रामीणों का कहना है कि नदी का पानी बढ़ने पर अगर गौशाला कर्मचारियों ने ताला खोलकर गायों को छोड़ दिया होता तो गायों की मौत नहीं होती। ये भी बताया जा रहा है कि गायों की मृत्यु हो जाने के बाद कर्मचारियों ने उन्हें नदी में बहा दिया था। इस मामले का खुलासा 24 अगस्त को हुआ, जब बाढ़ का पानी कम होने लगा।