Alwar Nirbhaya Case Update: सड़क से लेकर सबूत मिटाने तक की पूरी कहानी, जानिए क्या हुआ अब-तक

घटना के बाद मौके पर भीड़ जमा हुई, पुलिस को सूचना दी गई, कुछ समय बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। लड़की की स्थिति काफी गंभीर थी, एंबुलेंस को फोन किया गया, लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। घटना स्थल पर मौजूद भीड़ लगातार पुलिस से पीड़ित बच्ची को अस्पताल ले जाने के लिए कह रही थी।
डॉग स्कॉर्ट टीम जांच करते हुए

डॉग स्कॉर्ट टीम जांच करते हुए

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डेस्क न्यूज. राजस्थान का सिंह द्वारा कहें जाने वाले अलवर में उस समय हडकंप मच गया, जब अलवर शहर की तिजारा पुलिया के पास पर एक लड़की लहूलुहान हालत में पुलिया के किनारे पड़ी थी। मौके पर भीड़ इकट्ठा हुई, पुलिस को सूचना दी गई, कुछ समय बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची। लड़की की स्थिति काफी गंभीर थी, हालत देखकर तुरंत एंबुलेंस को फोन किया गया, लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची। घटना स्थल पर मौजूद भीड़ लगातार पुलिस से पीड़ित बच्ची को अस्पताल ले जाने के लिए कह रही थी। मौके पर एंबुलेंस नहीं आई तो भीड़ ने मौजूद पुलिस वालों से लड़की को जल्दी अस्पताल पहुंचाने को कहा, समय जाता देख पुलिस ने लड़की को पुलिस गाड़ी से अस्पताल पहुंचाया। शिवाजी पार्क थाना पुलिस द्वारा अलवर जिले के तमाम अधिकारियों को इस बारे में सूचना दी गई। सूचना के बाद अलवर जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया, अलवर एसपी तेजस्विनी गौतम के साथ चार थानों के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। बच्ची से मिलने के बाद अलवर एसपी तेजस्विनी गौतम ने मीडिया को बयान दिया कि बच्ची की हालत गंभीर है वह कुछ नहीं बोल पा रही है लड़की के साथ गैंगरेप की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। अभी मेडिकल टीम जांच कर रही है।

<div class="paragraphs"><p>घटना के बाद जयपुर से पहुंचे पुलिस के आलाधिकारी</p></div>

घटना के बाद जयपुर से पहुंचे पुलिस के आलाधिकारी

गंभीर हालत में अलवर में हुआ प्राथमिक उपचार

लड़की की हालत को देखते हुए अलवर के राजकीय अस्पताल में उसे ब्लड चढ़ाया गया और बाद में लड़की को जयपुर के जेके लोन अस्पताल के लिए रैफर कर दिया गया। घटना के बाद राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई। उसके बाद मेडिकल जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए अलवर SP ने मीडिया के सामने कहा कि लड़की के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ। अलवर एसपी के इस बयान के बाद प्रशासन पर मामले को दबाने काआरोप लगने लगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री ने SIT टीम को जांच दी गई लेकिन विपक्ष के आरोपों के बीच मुख्यमंत्री गहलोत ने मीटिंग लेने के बाद मामला सीबीआई को भेज दिया।

<div class="paragraphs"><p>जिलेभर में आरोपीयों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए युवा</p></div>

जिलेभर में आरोपीयों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए युवा

शुरुआत में CCTV फुटेज हुआ था वायरल

बता दें कि शुरुआत में एक CCTV फूटेज वायरल हुआ जिसमें एक लड़की पूल पर चलते हुए दिखाई दे रही थी। कई लोगों ने इस CCTV फूटेज पर भी सवाल खड़े किए। क्योंकि इस फुटेज में न तारीख थी और न जगह का नाम, लेकिन इस फूटेज पर पुलिस का कोई भी बयान सामने नहीं आया। इसके बाद लगातार खबरें सामने आई कि जोमैटो वाले लड़के ने लड़की को टक्कर मारी हैं लेकिन पुलिस का इस पर कोई बयान सामने नहीं आया।

<div class="paragraphs"><p>घटना के बाद सीसीटीवी खंगालती पुलिस की टीम</p></div>

घटना के बाद सीसीटीवी खंगालती पुलिस की टीम

घटना का रीक्रिएशन

अलवर में मूकबधिर बालिका के साथ हुई घटना का रीक्रिएशन भी किया गया लेकिन मौके पर मौजूद मीडिया और भीड़ के कारण रीक्रिएशन नहीं हो पाया। इसके बाद आधी रात को घटना का रिक्रिएशन किया गया। घटना के बाद जैसे-जैसे समय बीता वैसे वैसे डॉक्टर और पुलिस के बयान भी राज्य सरकार का बचाव करते दिखाई दिए। ये आरोप विपक्ष ने लगाए। बाद में मामले को राज्य सरकार ने सीबीआई के हवाले कर दिया।

<div class="paragraphs"><h3>घटना का रीक्रिएशन</h3></div>

घटना का रीक्रिएशन

<div class="paragraphs"><p>अलवर नगर परिषद के कर्मचारीयो द्वारा घटना स्थल की सफाई करते हुए&nbsp;</p></div>

अलवर नगर परिषद के कर्मचारीयो द्वारा घटना स्थल की सफाई करते हुए 

सफाई कर्मियों ने घटनास्थल पर लगाई थी झाड़ू

इस बीच एक चौंकाने वाली घटना घटी। अलवर नगर परिषद द्वारा घटना स्थल पर सफाई करवा दी गई है, बता दें कि मामला राज्य सरकार ने सीबीआई को सौंपा है लेकिन उससे पहले ही अलवर नगर परिषद के सफाई कर्मियों ने घटनास्थल पर झाडू लगाई. जिससे वहा मौजूद सबूत मिट गए। इस बारे में जब जिला कलेक्टर से बात हुई तो उन्होंने कहा कि "पुलिया की सफाई करा दी गई, इस बारे में मुझे को सुचना नहीं है। मीड़िया रिपोर्ट के अनुसार अलवर एसपी से कई बार बात करने की कोशिश हुई लेकिन उनसे बात नहीं हो पाई। वहीं अलवर नगरपरिषद आयुक्त कमलेश मीणा का कहना है कि पुलिस द्वारा पुल की सफाई नहीं करवाने लेकर कोई सूचना नहीं दी गई थी, इसलिए सफाई करवा दी गई। पूल की सफाई कराने के बाद अलवर प्रशासन के साथ राज्य सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई। अलवर मामले की गेंद सीबीआई के पाले में जा चुकी है। अब देखना होगा कब सीबीआई इस पर बल्लेबाजी करना शुरू करती है।

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