सोशल मीडिया अब आतंकी संगठनों के लिए एक सबसे बड़ा हथियार बन गया है । ब्रुकिंग सेंटर फॉर मिडिल ईस्ट पॉलिसी के अनुसार, आतंकी संगठन आईएस के ट्विटर पर लगभग 70,000 सक्रिय लोगों के खाते हैं और आश्चर्य की बात ये है कि प्रत्येक हैंडल के कम से कम 1,000 फॉलोअर्स हैं। अगर इन आकड़ो का कुल प्रतिशत निकाले तो, मान सकते है कि 7 करोड़ लोग इनसे जुड़े हुए है ।
वैश्विक आतंकवाद सूचकांक 2022 के अनुसार, 2021 के दौरान दुनिया भर में आतंकवादी घटनाओं में 29% मौतों के लिए आईएस जिम्मेदार है। आईएस आतंकी संगठन में शामिल होने वाले 40% विदेशी आतंकवादी सोशल मीडिया के माध्यम से भर्ती होते हैं। 2018 में आई एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, आईएस के फेसबुक पर 96 देशों में 1,000 अकाउंट हैं।
वहीं तालिबान मोबाइल से IED हमले का वीडियो बनाकर ट्विटर पर अपलोड कर भर्ती और फंडिंग का काम भी कर रहा है । यूके टाइम्स की एक रिपोर्ट की माने तो यूट्यूब, फेसबुक, व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर आतंकवादी संगठन के वीडियो अपलोड करके मर्सिडीज जैसी बड़ी कंपनियों के विज्ञापन से भी हर महीने करोड़ों रुपये कमाता हैं।
मार्च 2019 में क्राइस्टचर्च में फेसबुक लाइवस्ट्रीमिंग के दौरान 51 लोग मारे गए थे । 2022 में उदयपुर में एक दर्जी का सिर कलम करने का वीडियो, ये लोगों को भड़काने के लिए सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं।