राजधानी जयपुर में दहेज़ प्रताड़ना को लेकर एक मामला सामने आया है जिसमे दहेज़ की डिमांड पूरी नहीं करने पर हत्या कर दी गयी है।
वही विवाहिता की मौत को लेकर ससुराल पक्ष के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज कराया है, प्रथम दृष्टि में फिलहाल पुलिस ससुराल पक्ष के परिजनों से पूछताछ कर रही है बताया जा रहा है की दो दिन पहले दोपहर के समय ससुराल पक्ष की ओर से फोन आया कि पूजा ने छाछ पी थी, इसके बाद उसकी तबियत खराब हो गई थी, उसे अस्पताल ले जाओ। परिजनों का आरोप है की बेटी को जहर देकर मार डाला है। पुलिस को बताया की 50 लाख रुपए की डिमांड लगातार की जा रही थी और प्रेशर बनाया जा रहा था। बताया जा रहा है की युवती का विवाह 7 साल पहले हुआ था।
जयपुर के बनीपार्क थाने में मोतीडूंगरी के रहने वाली प्रेम देवी ने दामाद सहित 6 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि पूजा की शादी 7 साल पहले बनीपार्क निवासी सौरभ शर्मा से की थी शुरआत में सब सही था लेकिन धीरे- धीरे दहेज़ की डिमांड करने लगे और तब से उसे मारपीट कर परेशान किया जाने लगा। शादी के समय 20 तोला सोना, एक कार, 2 लाख रुपए दिए थे। कुछ दिनों से पूजा का पति सौरभ और ससुराल वाले 50 लाख रुपयों की डिमांड कर रहे थे। उन्होंने मना कर दिया कि वे इतने रुपए कहां से लेकर आएगें। कुछ दिनों से परिवार के बीच में अनबन चल रही थी। और लगातार दहेज़ को लेकर दबाव बनाया जा रहा था।
मृतका पूजा के पिता ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से 50 लाख रुपए लाने की मांग कर रहे थे। उन्होंने समझाने का भी प्रयास किया। बेटी को समझा कर वापस ससुराल भेज दिया था। दो दिन पहले जब ससुराल से काल आया तो कहा की उसकी तबियत खराब हो गई है। उसे अस्पताल ले जाओं। वे घबराते हुए बनीपार्क में पहुंचे तो अचेत हालत में मिली। वे पूजा को एसएमएस अस्पताल पहुंच गए। कुछ देर के बाद उसकी मौत हो गई।
अधिनियम 1961 दहेज लेने, देने या इसके लेन-देन में सहयोग करने पर 5 वर्ष की कैद और 15,000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। दहेज के लिए उत्पीड़न करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए जो कि पति और उसके रिश्तेदारों द्वारा सम्पत्ति अथवा कीमती वस्तुओं के लिए अवैधानिक मांग के मामले से संबंधित है, के अन्तर्गत 3 साल की कैद और जुर्माना हो सकता है। धारा 406 के अन्तर्गत लड़की के पति और ससुराल वालों के लिए 3 साल की कैद अथवा जुर्माना या दोनों, यदि वे लड़की के स्त्रीधन को उसे सौंपने से मना करते हैं।