Singhu Border Murder: निहंग सरबजीत सिंह ने काटा लखबीर का हाथ, नारायण ने पैर पर किया वार, पढ़ें खौफनाक कहानी
डेस्क न्यूज. राजधानी दिल्ली और हरियाणा के सिंघू बॉर्डर पर एक युवक की निर्मम हत्या के मामले में अब स्थिति लगभग साफ हो गई है. इस मामले में कोर्ट अब तक एक आरोपी को सात दिन और तीन आरोपियों को छह दिन की रिमांड सोनीपत पुलिस को दे चुकी है. इतना ही नहीं रविवार को सिविल जज जूनियर डिवीजन किन्नी सिंगला की कोर्ट में पेशी के दौरान निहंगों ने बिना झिझक अपना गुनाह कबूल कर लिया है.
निर्मम हत्या के मामले में रविवार को निहंग नारायण सिंह, भगवंत सिंह और गोविंद प्रीत सिंह को कोर्ट में पेश किया
बता दें कि हरियाणा क्राइम ब्रांच और सोनीपत पुलिस ने रविवार को निहंग
नारायण सिंह, भगवंत सिंह और गोविंद प्रीत सिंह को कोर्ट में पेश किया था.
इस दौरान तीनों निहंग आरोपियों ने कोर्ट में साफ तौर पर बताया कि वे पंजाब
के तरनतारन के रहने वाले दलित युवक लखबीर सिंह की हत्या में शामिल थे.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी को अपने धर्म की रक्षा करने का अधिकार है।
सरबलोह धर्म ग्रंथ का अपमान हुआ तो हम चुप नहीं बैठेंगे।
इससे पहले घटना वाले दिन निहंग सरबजीत सिंह ने हत्या की बात कबूल की थी।
लखबीर सिंह की हत्या में आठ लोग शामिल थे
इससे पहले शनिवार को सोनीपत की अदालत में पेश हुए निहंग सरबजीत सिंह ने कहा था
कि लखबीर सिंह की हत्या में आठ लोग शामिल थे, जिनमें से तीन के नाम उसे पता हैं.
जबकि बाकी को चेहरे से पहचान कर सकता हैं। वहीं, रविवार को नारायण सिंह ने कोर्ट में कहा
कि वो चारों लोग लखबीर की हत्या में शामिल थे. सरबजीत सिंह का हाथ कट गया था
और मैंने पैर पर तीन वार किए थे। इसके बाद भगवंत सिंह और गोविंद प्रीत सिंह ने मिलकर
उसे रस्सियों से बांधकर बैरिकेड्स पर लटका दिया। वहीं नारायण ने कहा कि लखबीर करीब 45 मिनट तक तड़पता रहा,
जिसके बाद उसकी मौत हो गई. उसकी हत्या में हमारे अलावा कोई भी शामिल नहीं है।