नूपुर शर्मा की हत्या करने पर इनाम घोषित करने वाले अजमेर के हिस्ट्रीशीटर सलमान चिश्ती को गिरफ्तार करने गई पुलिस का मंगलवार देर रात एक वीडियो वायरल हो गया| जिससे देश में बवाल मच गया| क्योंकि इसमें अजमेर पुलिस के सीओ संदीप सारस्वत खुद एक संगीन अपराधी को बचने के आइडिया देते नज़र आये।
हुआ कुछ यूँ की जब पुलिस सलमान को उसके घर से गिरफ्तार करके बाहर ला रही थी तो पुलिस और सलमान चिश्ती की बात का किसी ने वीडियो बना लिया जिसका वार्तालाप निम्न है।
पहला पुलिस अधिकारी-चल आ जा आजा
दूसरा पुलिस अधिकारी-मैं तो सिविल में ही हूं
तीसरा पुलिस अधिकारी-हम साथ में है चिंता मत कर, बेफ्रिक रहे।
चौथा पुलिस अधिकारी-आ यार मामा यार तू...
सलमान को कुछ पुलिस अधिकारी कंधे पर हाथ रखकर घर से बाहर ले आए। फिर उसको बचने की नसीहत दे डाली।
पांचवां पुलिस अधिकारी - कौनसा नशा कर रखा था वीडियो बनाते समय?
सलमान चिश्ती-कोई नशा नहीं कर रखा था?
सीओ दरगाह - ये बोल कि नशे में था ताकि बचाव हो सके।
इस वीडियो के वायरल होते ही हड़कंप मच गया और सवाल उठने शुरू हो गए की जब अपराधी खुद मना कर रहा है की उसने कोई नशा नहीं किया था और उसने नूपुर को मारने की अपील वाला वीडियो पुरे होश में बनाया था, तो पुलिस खुद आगे से बढ़कर उसको ये आइडिया क्यों दे रही है की तुम नशे में थे और उसमे वीडियो बनाया।
यही नहीं जब अपराधी ने नशे की बात से इंकार कर दिया तो सीओ संदीप खुद बोले की तुमको ऐसे ही बोलना है ताकि तुम्हे बचाया जा सके।
अब वीडियो वायरल होने के बाद अब सवाल उठ रहे हैं कि अजमेर सीओ संदीप सारस्वत ने ये सब अपने किसी निजी फायदे के लिए किया या उनके ऊपर किसी का दवाब थ, या फिर कांग्रेस सरकार का उनको क्लियर इंस्ट्रक्शन था की उनके वोट बैंक को हर हाल में बचाना है। अभी उदयपुर की घटना को 10 दिन भी नहीं हुए तो वो आखिर कौन है जो खुलेआम सर काटने की अपील करने वाले सलमान चिश्ती को बचा रहा है।
गिरफ्तारी के समय के वायरल वीडियो में राजस्थान के अजमेर में तैनात अधिकारी डीएसपी (सीओ संदीप सारस्वत) यह कहते नजर आ रहे हैं- ये बोल कि नशे में था ताकि बचाव हो सके। इसके बाद राजस्थान पुलिस ने अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की है। डीएसपी सारस्वत को फिलहाल एपीओ कर दिया गया है। आपको बता दें, बुधवार सुबह पुलिस अधीक्षक, आईपीएस विकास सागवान, सीओ दरगाह संदीप सारस्वत और दरगाह थानाप्रभारी दलबीर सिंह के नेतृत्व में विभिन्न थानों के पुलिस अधिकारियों, जिला विशेष टीम और क्यूआरटी की टीम ने सलमान चिश्ती के घर पर छापा मारा। पुलिस कार्रवाई के दौरान सलमान कमरे में था। कमरे से बाहर निकालने के बाद उसे घर से बाहर निकाला गया। इसी दौरान सलमान चिस्ती से बात करते नजर आ रहे है।
लेकिन सवाल ये भी है की अगर पुलिस की बात मान ली जाये तो ये तो समझ में आता है की पुलिस ने कहा 'अरे यार मामू चल, हम साथ में है चिंता मत कर, बेफ्रिक रहे। लेकिन पुलिस उसको कानून ने बचने का आईडिया कैसे दे रही है की तुम नशे का बहाना कर लो ताकि तुम्हे बचाया जा सके | वो भी एक सीओ ?
इससे कहीं न कहीं उठते हुए सवालों को बल मिलता है की मामला उतना छोटा नहीं है जितना दिख रहा है, क्योंकि सलमान एक हिस्ट्रीशीटर है कोई बहुत बड़ा तुर्रम खान नहीं जिसे कोई सरकार या अधिकारी बचाये। फिर ऐसी कौनसी बात है की अजमेर का सिस्टम देश में खुलेआम गर्दन उतारने की बात करने वाले एक आतंकी सोच के व्यक्ति को बचाता दिख रहा है |