कानपुर में टेंपो और बस की टक्कर में 17 लोगों की मौत, चार गंभीर रूप से घायल

बताया जा रहा है कि टेंपो गलत दिशा में जा रहा था, यह भी सामने आया है कि एक टेंपो में 16-17 लोग भरे हुए थे जिसमें 7-8 लोगों के बैठने का प्रावधान है
कानपुर में टेंपो और बस की टक्कर में 17 लोगों की मौत, चार गंभीर रूप से घायल
Updated on

डेस्क न्यूज़- यूपी के कानपुर जिले में बीती रात बस और टेंपो में जोरदार टक्कर हो गई, टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि इस हादसे में 17 लोगों की मौत हो गई, इसके अलावा हादसे में चार लोग गंभीर रूप से घायल भी हो गए, घायलों का इलाज हैलेट अस्पताल में किया जा रहा है।

टक्कर के बाद बस पुल से नीचे गिरी

सचेंडी थाना क्षेत्र के किसान नगर में मंगलवार रात करीब साढ़े आठ बजे दिल दहला देने वाली यह घटना घटी, बिस्किट फैक्ट्री के सामने अनियंत्रित बस ने टेंपो को टक्कर मार दी, टक्कर के बाद बस पुल से नीचे गिर गई, हादसे के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य चलाया गया, सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी थी, यह बस उन्नाव से गुजरात के राजकोट जा रही थी, मरने वालों में ज्यादातर मजदूर बताए जा रहे हैं।

कारखाने में काम करने वाले मजदूर

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक कल्याणपुर प्रखंड के लालेपुर और ईश्वरीगंज के मजदूर एक बिस्कुट फैक्ट्री में काम करने जा रहे थे, ये सभी विक्रम टेंपो में थे, ये ठेका मजदूर अपने गांव से रात की पाली में काम करने फैक्ट्री पहुंचे तो कुछ किलोमीटर पहले बस से टकरा गई, बताया जा रहा है कि टेंपो गलत दिशा में जा रहा था, यह भी सामने आया है कि एक टेंपो में 16-17 लोग भरे हुए थे जिसमें 7-8 लोगों के बैठने का प्रावधान है।

पीएम मोदी ने जताया दुख

भीषण सड़क हादसे में हुई मौत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है, प्रधानमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया, कानपुर में सड़क दुर्घटना बहुत दुखद है, इस दुर्घटना में कई लोगों की जान चली गई है, मैं उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं, साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।

साथ ही पीएम मोदी ने मुआवजे की घोषणा की, बयान के मुताबिक, इस भीषण हादसे में जान गंवाने वालों के परिवारों को प्रधानमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा, वहीं घायलों को 50-50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाएगा।

Like and Follow us on :

logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com