जिस थाने में इंस्पेक्टर जगत नारायण ने करीब नौ महीने शासन किया, उसे रविवार शाम को उसी थाने में गिरफ्तार कर लिया गया | शाम को जगत नारायण को गिरफ्तार कर रामगढ़ताल थाने लाए तो पुलिस टीम ने राहत की सांस ली | चर्चा थी कि जिस थाने से वह मनमानी करता था , आज उसे यहीं से गिरफ्तार कर जेल भेजा जा रहा है।
जगत नारायण सिंह को शुरू से ही उनके आदेशों की अवज्ञा करना पसंद नहीं था।
जिसने भी आज्ञा का पालन करने से इनकार किया, वह उसके क्रोध का पात्र बन गया।
आदेश का पालन न करने पर उनके नौ माह के कार्यकाल में कई बार सेलिंग पोस्ट आजादनगर के प्रभारियों का तबादला किया गया। वांछित लोगों को चौकी का प्रभारी बनाया गया। इस वजह से उसने भी आँख बंद करके उसकी आज्ञा का पालन किया।
रामगढ़ताल क्षेत्र के लोगों का मानना है कि जगत नारायण का पसंदीदा डायलॉग ऐ मिस्टर, आई एम इंस्पेक्टर था। तुम कौन हो? लेकिन उनकी गिरफ्तारी से अब लोगों को शायद ही यह डायलॉग सुनने को मिले।
जगत नारायण सिंह वर्ष 2018 में गोरखपुर के झांघा थाने में तैनात थे। इससे पहले वे कानपुर में तैनात थे। झांघा, गगहा के बाद फिर बांसगांव डटे रहे। जगत नारायण इसी साल जनवरी में रामगढ़ताल थाने में तैनात थे। अधिकारियों को अपना बनाने में माहिर जगत नारायण सिंह के बारे में भी कहा जाता है कि वह हमेशा उन थानों के प्रभारी थे, जहां वे मोटी कमाई कर सकते थे।
बताया जाता है कि गगहा में पदस्थापन के दौरान वह औद्योगिक क्षेत्र में गिडा देखने आया था। नौसाढ़ चौकी प्रभारी से थाने की जानकारी ली गई, लेकिन बाद में वहां किसी और को तैनात कर दिया गया। लखनऊ-बाराबंकी मार्ग के चिनहट पर जमीन खरीदकर करोड़ों रुपये का आलीशान घर बनाने वाले जगत नारायण को आउट ऑफ टर्म प्रमोशन मिल गया। वह कांस्टेबल से इंस्पेक्टर बन गया।