यशस्वनी शर्मा-
राजस्थान में बढ़ता क्राइम रेट चिंता का विषय है। NCRB की रिपोर्ट के की माने तो महिलाओं से रेप के मामलें में राजस्थान पहले नंबंर पर है। आए दिन राजस्थान में रेप की खबरें सामने आती है। इनमें बहुत से मामले ऐसे है जिनमें पीडिता एक छोटी बच्ची होती है। ऐसा ही एक मामला पाली के सादड़ी गांव में आया। यहां 8 लोगों ने 17 साल की एक छात्रा से रेप किया और उसकी अश्लील फोटों और वीडियों भी बनाई।
पाली में 17 साल की दसवीं कक्षा की छात्र से गैंगरेप का मामला सामने आया है । यहां 8 लड़कों पर नशे का इंजेक्शन लगाकर एक मासूम के साथ रेप किया। इतना ही नहीं आरोपियों ने अश्लील फोटों-वीडियों भी बनाएं। आरोपियों ने इन्हें सोशल मीडिया पर वायरल करने और परिवार को जान से मारने की धमकी देकर बार-बार छात्रा को अपनी हवस का शिकार बनाया।
चार लड़कों ने पीडिता को किडनेप कर जयपुर ले जाकर भी बलात्कार किया । जयपुर से भी जीरो नम्बर की FIR सादड़ी थाने आई है। सीओ बाली अचल सिंह देवड़ा मामले की जांच में जुटे हैं।पुलिस मामले की जाँच कर रही है।
सादड़ी के रहने वाले रणजीत सिंह, प्रताप मीणा, बिल्ला चौधरी, पंकज चौधरी, भरत, कपिल, कमलेश, पीयूष ने पीड़िता को 8 फरवरी 2022 को खेत में अकेले देख उसे अपनी हवस का शिकार बनाया।
पीड़िता ने बताया की पहले उन्होंने उसे जबरदस्ती नशे का इंजेक्शन लगया उसके बाद उसके साथ गैंगरेप किया। इसके बाद उन्होंने उसके अश्लील फोटो और वीडियो बनाये इसके साथ रणजीत सिंह और प्रताप मीणा ने ये बात किसी को बताने पर परिवार को जान से मरने की और वीडियो वायरल कर बदनाम करने की धमकी दी। पीड़िता ने डर के कारण घर पर कुछ नहीं बताया।
बताया जा रहा है कि रणजीत सिंह, प्रताप मीणा, बिल्ला चौधरी, पंकज चौधरी 4 मई 2022 को बाजार से पीडिता को किडनेप कर गाड़ी में डालकर जयपुर ले गए। रस्सी से बांध कर नशे का इंजेक्शन लगया और जयपुर में अलग-अलग जगह ले जाकर चारों ने पीड़िता के साथ रेप किया। फिर 5 मई को वह पीड़िता को वापस उसके गांव छोड़ आये और फिर उसे परिवार को जान से मरने की धमकी दी।
धमकियों से परेशान होकर पीड़ित ने सारी घटना अपने पिता को बताई। पिता मामला दर्ज करने सादड़ी थाने पहुंचे। लेकिन पुलिस ने मामले को जयपुर का बताकर जयपुर मामला दर्ज करवाने की बात कही। उसके बाद पिता ने भांकरोटा जयपुर शहर (पशिचम) थाने में मामला दर्ज करवाया।
थाने के सीओ बाली अचल सिंह देवड़ा मामले की जांच में जुटे हैं। पीड़िता को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया और समिति अध्यक्ष सीताराम शर्मा ने बताया कि पीड़िता के बयान के बाद उसको उसकी इच्छानुसार उसके परिवार को सौंपा दिया गया है। पीड़ित के इलाज के लिए डिप्टी CMHO को निर्देशित किया है और महिला सपोर्ट पसर्न व विधिक सहायता के लिए वकील की नियुक्ति के आदेश जारी किए गए हैं।