राजस्थान: कुख्यात तस्कर खरताराम के मरने के बाद राजू फौजी मारवाड़ का नया सरगना ?

पुलिस ने उसका आईपी एड्रेस ट्रेश किया तो तुरंत प्रभाव रूप से पुलिस की टीमें रवाना हुई और एक दम सटीक लोकेशन पर जाकर राजू फौजी उन्हे मिला जब पुलिस की मुठभेड़ राजू फौजी के साथ हुई तो पुलिस के द्वारा फायरिंग में राजू फौजी के पैर पर गोली लगी
राजू फौजी

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राजस्थान के कुख्यात गैंगस्टर राजू फौजी को जोधपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। गौरतलब है की भीलवाड़ा में कुछ दिन पहले दो पुलिस वालो की गोली मारकर हत्या कर दी थी। राजू फौजी (विश्नोई) पूरे राजस्थान पुलिस में अपना भय कायम करना चाहता था। बेहद शातिर राजू मोबाइल के जरिये लोगों से बात करने के बजाय इंटरनेट कॉलिंग ही ज्यादा करता है। पुलिस ने उसका आईपी एड्रेस ट्रेश किया तो तुरंत प्रभाव रूप से पुलिस की टीमें रवाना हुई और एक दम सटीक लोकेशन पर जाकर राजू फौजी उन्हे मिला जब पुलिस की मुठभेड़ राजू फौजी के साथ हुई तो पुलिस के द्वारा फायरिंग में राजू फौजी के पैर पर गोली लगी जिससे वह मोके पर ही घायल होगया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

अब राजू विश्नोई कैसे बना डॉन राजू फौजी

राजू विश्नोई उर्फ राजू फौजी जोधपुर से सटे बाड़मेर जिले के डोली गांव का है। स्कूल तक राजू किसी भी जुर्म में शरीक नहीं था। स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपनी मजबूत कद-काठी की बदौलत राजू CRPF (सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स) में भर्ती हो गया। यहां उसकी पोस्टिंग नक्सलाइज्ड एरिया में हो गई। उन दिनों में राजू फौजी के साथ रहे लोग बताते है कि उसे ये नौकरी पसंद नहीं थी और वो छुट्टियां लेकर गांव आ गया और फिर मुड़कर CRPF कैंप नहीं गया। थोड़े दिन तो वो गांव में ही रहा लेकिन बाद में उसे पैसे की जरूरत पड़ी अपनी आजीविका चलाने के लिए जोधपुर चला आया और यहां भगत की कोठी एरिया में सब्जी का ठेला लगाने लगा। लेकिन CRPF में की गई नौकरी के चलते राजू को तब तक फौजी सरनेम मिल गया था। और लोग उसे राजू फौजी नाम से जानने लगे थे।

<div class="paragraphs"><p>राजू फौजी</p></div>

राजू फौजी

जुर्म की शुरआत ; भाभी के प्रेमी के दिनदहाड़े नाक-कान काटकर शुरू की दहशत।

पुलिस रिकॉर्ड से मिली जानकारी के अनुसार साल 2012 में फौजी की भाभी एक ट्रक ड्राइवर के साथ भाग गई थी। इससे वो नाराज था। उसने गुस्से में आकर बिलाड़ा में भावी फाटक पर जाकर दिनदहाड़े भाभी के प्रेमी की जमकर पिटाई कर दी और उसके नाक-कान काट दिए। इससे इलाके में राजू फौजी की दहशत शुरू हो गई। हांलाकि इससे पहले भी उस पर छोटी-मोटी मारपीट के मामले दर्ज थे।लेकिन इस कांड के बाद राजू फौजी ने भाई के ससुराल पक्ष के लोगों का अपहरण और उनकी संगीन पिटाई की जिसके बाद आस - पास के इलाको में फौजी के नाम से दहशत और खौफ का माहौल बन गया।

अगला बड़ा कदम फौजी का : हथियारों के दम पर डोली टोल नाके को लुटा और मुलाकात हुई एक बड़े तस्कर माफिया से जहाँ से जुर्म की दुनिया का एक नया अध्याय शुरू हो रहा था।

राजू फौजी ने 19 मई 2018 को बाड़मेर जिले के कल्याणपुर थाना क्षेत्र में तकरीबन 35 बदमाशों के साथ हथियारों के दम पर डोली टोल नाके को लुटा था। इस दौरान वहां खौफ का ये आलम था कि टोल नाके के कर्मचारी इससे डरकर पैदल ही भाग छूटे थे। धीरे-धीरे उसकी दहशत ऐसी फैली की उसने बाड़मेर इलाके में कई व्यापारियों और कंपनियों को डरा-धमकाकर वसूली शुरू कर दी। इसी दौरान उसका सम्पर्क कुख्यात तस्कर खरताराम से हो गया और वो खरताराम की गैंग से तस्करी की दुनिया में भी आ गया।

खरताराम के सुसाइड के बाद बना तस्करी गैंग का सुप्रीमो

तकरीबन 3 साल पहले पाली के भीमाणा गांव की पहाड़ियों में पुलिस कार्रवाई के दौरान खरताराम चारों तरफ से घिर गया था। उसके और पुलिस के बीच जमकर मुठभेड़ भी हुई। पुलिस ने घेराबंदी की और बचने का कोई रास्ता नहीं मिला तो खरताराम ने खुद को गोली मार ली। खरताराम की मौत के बाद राजू फौजी ने उसकी तस्कर गैंग का टेक ओवर कर लिया। धीरे-धीरे उसने गैंग का विस्तार बाड़मेर से बाहर जोधपुर, नागौर बीकानेर, पाली, जैसलमेर, चित्तौड़, भीलवाड़ा, जालोर और सिरोही तक कर लिया। स्मैक और अफीम की तस्करी के दौरान फौजी ने सैंकड़ों बार हथियारों के दम पर पुलिस नाकाबंदी तोड़ी। हाल ऐसे रहे कि ज्यादातर तो बदनामी के डर से मामले ही दर्ज नहीं हुए। फौजी तस्करी के कारोबार में आगे बढ़ता चला गया और एक बड़े पैमाने पर अफीम की तस्करी करने लगा।

दो कॉन्स्टेबल की हत्या के बाद साथियों से बोला- मरेंगे या मारेंगे।

अब तक पकडे गए फौजी के साथियों से हुई पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ है कि भीलवाड़ा में दो पुलिसकर्मियों के हत्या के बाद उसे जरा भी अफ़सोस नहीं था। उसने तो बाकायदा सभी साथियों से कहा था कि अब मरेंगे या मारेंगे। उसका ये एटीट्यूड देखकर गैंग के कई साथी डर भी गए और चुपके से उसे छोड़कर सरेंडर के रास्ते देखने लग गए। अब तक उसकी गैंग के तकरीबन 12 कुख्यात बदमाश पुलिस की पकड़ में आ चुके है। और फौजी को पुलिस ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया है। फौजी के एक पैर में गोली भी लगी है। जिससे अभी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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