राजस्थान में सामूहिक आत्महत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। सामूहिक आत्महत्या के मामले में राजस्थान देश में दूसरे नंबर पर आ गया है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा 2022 में जारी आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान एकल आत्महत्या के मामलों में देश में 27वें स्थान पर है।
वहीं सामूहिक आत्महत्या के मामले में राजस्थान देश में दूसरे स्थान पर है। पिछले साल राजस्थान में सामूहिक आत्महत्या के 22 मामले दर्ज किए गए थे। इन मामलों में कुल 67 लोगों की मौत हुई थी।
साल 2021 में सामूहिक आत्महत्या के सबसे ज्यादा 33 मामले तमिलनाडु में दर्ज किए गए थे। इसके बाद राजस्थान में सामूहिक आत्महत्या के 22 मामले सामने आए।
राजस्थान में दर्ज सामूहिक आत्महत्या के मामलों में 67 लोगों की मौत हुई थी। इस मामले में केरल राज्य तीसरे नंबर पर है। 12 मामले दर्ज किए गए थे। वहीं चौथे नंबर पर कर्नाटक है, जहां सामूहिक आत्महत्या के कई मामले सामने आए हैं।
आत्महत्या के मामले में राजस्थान देश में 27वें नंबर पर है। यहां पिछले दो साल में 11 हजार से ज्यादा लोगों ने आत्महत्या की। इनमें साल 2020 में 5546 और 2021 में 5593 लोगों ने अपनी जान दी।
एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक साल 2021 में राजस्थान में एक लाख लोगों पर हर 7 लोगों ने आत्महत्या का घातक कदम उठाया। प्रदेश में वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में मामूली वृद्धि हुई है।
एनसीआरबी के इन आंकड़ों में सामने आया कि भारत में हर साल 1.64 लाख मौतें आत्महत्या से हो रही हैं। इनकी औसत पर नजर डालें तो भारत में रोजाना औसतन करीब 450 लोग मौत को गले लगा रहे हैं। साल 2020 की तुलना में देश में 7 फीसदी से ज्यादा सुसाइड के मामले बढ़े हैं।
साल 2021 में देश में कुल आत्महत्या की घटनाओं में से 50 फीसदी सिर्फ पांच राज्यों में दर्ज की गई हैं। इनमें सबसे ज्यादा आत्महत्या की घटनाएं महाराष्ट्र में दर्ज की गईं। वहां 22 हजार 207 लोगों ने आत्महत्या की। तमिलनाडु में 18 हजार 925, मध्य प्रदेश में 14, 956, पश्चिम बंगाल में 13,500 और कर्नाटक में 13 हजार 56 आत्महत्या के मामले सामने आए।