दलित ये शब्द भारत कि राजनीती का सबसे बड़ा वोटबैंक और मुद्दा होता हैं। दलितों के मसीहा बने तथाकथित दलित चिंतको की इस देश मे कोई कमी नही है। पाकिस्तान से आये तमाम दलित हिन्दू आज रोटी कपड़ा और मकान को तरस रहे। मगर दलित चिंतको को आज भी राजनीती करने से फुर्सत नही। ऐसे मे चंद युवाओ का समूह ,' मित्र सहायता परिवार ' के नीरज चतुर्वेदी इनकी मदद को आगे आए है जो अमेरिका मे रहते है।
जहा आज के दौर मे इंसान धन दौलत अर्जित कर के सिर्फ अपने हितो की लिए दूसरो को धोखा देने मे भी गुरेज नहीं करते । ऐसे समय मे आम युवाओ का ये छोटा सा ग्रुप कई सालो से अब तक तमाम गरीबो की मदद , निर्धन बेटियों की शादी और कोरोना काल मे खाने पिने की व्यवस्था करते रहे। इनमे से बड़े लाल यादव जैसे युवा तो कई बार अपनी आर्थिक स्थिति से भी अधिक लोगो की सेवा के लिए अपनी जरूरतों मे कटौती किये।
जहा एक ओर नेता 2 केला कसी गरीब को देकर 4 फ़ीट का बैनर छपवा देते है। वह ये समूह अपने किये मदद की कही मार्केटिंग नहीं करते। न ही किसी राजनैतिक या स्वार्थ के लिए करते है। मैंने स्वयं इस समूह के सक्रिय सदस्य से संपर्क कर इस पूरे विषय को जाना।
मित्र सहायता परिवार के बड़ेलाल यादव एक किसान परिवार से आने वाले युवा है। जब हमने उनसे इस विषय मे बातचीत की तो उन्होंने पाकिस्तान से आये दलित परिवारों के लिए हर संभव मदद जुटाने की बात कही साथ मे अपनी पीड़ा जाहिर की उनसे बातचीत के अंश –
"दलितों को एक ब्राम्हण भोजन दे रहा है और दलित ही इन दलितों का भोजन छीन रहे है।
मित्र मित्र सहायता परिवार के सहयोगी भ्राता श्रीनीरज चतुर्वेदी जी जो कि अमेरिका में रहते हैं उनके और उनके साथ अमेरिका में रहने वाले और हिंदू मित्रों के सहयोग से इनके रहने खाने-पीने की व्यवस्था किया गया। यही नहीं ऐसे ऐसे हजारों लोगों की सहायता उनके लिए रहने के लिए झोपड़ी की व्यवस्था है अब तक किया जा चुका है।
यह लोग अमेरिका में रहते हुए अपने हिंदू भाई बहनों की मदद के लिए इतने तत्पर हैं और यहां भारत में रहने वाले ऐसे ऐसे गद्दार हैं कि इन पाकिस्तान से आए हिंदुओं को ही ठगने का हमेशा प्रयास करते। अभी नीरज जी और हमारे गुरुजी सत्यनिवाश वसिष्ट जी वा हम मिलकर इस व्यक्ति के जीविकोपार्जन के लिए आठ बकरियां खरीद कर देंगे
भगवान से यही प्रार्थना करूंगा कि हे भगवान हमारे भ्राता श्री नीरज चतुर्वेदी जी को इतना धन दौलत दीजिए जिससे कि यह ऐसे ही लोगों के लिए मसीहा बनकर उनकी मदद करें।"