भारत-चीन विवाद ​- LIVE : पीएम नरेंद्र मोदी अचानक पहुंचे लेह, जवानों से मिले

गलवान में भारत-चीन की हिंसक झड़प के बाद 11 हजार ऊंची लोकेशन पर पहला दौरा
ANI
ANI
Updated on

लेह. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी लेह क्षेत्र में पहुंचे हैं। आपको बता दें कि गलवान की झड़प के बाद पीएम नरेंद्र मोदी पहली बार लेह का दौरा कर रहे हैं। पहले से इसकी जानकारी नहीं थी, लेकिन शुक्रवार को अचानक नरेंद्र मोदी के लेह पहुंचने की खबर आई है। बताया जा रहा है कि वे यहां क्षेत्र का मौका मुआयना करेंगे। वहीं अफसरों से मौजूदा स्थिति की जानकाीर भी लेंगे।

ANI
ANI

30 जून को लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की तीसरी मीटिंग हुई थी

इधर तनाव कम करने के लिए भारत-चीन के बीच भारत-चीन के आर्मी के अफसरों की बातचीत भी जारी है। वहीं आपको बता दें कि 30 जून को लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की तीसरी मीटिंग हुई थी। उसमें इस बात पर जोर रहा है कि विवादित इलाकों से सैनिक हटाए जाएं। लेकिन फिलहाल विवाद के बीच बातचीत भी दोनों अफसर अपने स्तर पर कर रहे हैं।

इससे पहले पीएम अपने संबोधन में कई बार भारत-चीन विवाद की स्थित पर सफाई दे चुके हैं। उन्होंने क्या-क्या कहा जानें

अब हमारे सुरक्षाबल उन्हें रोकते हैं

पीएम ने ज़ोर दे कर कहा था कि इससे पहले इस तरह की चुनौतियों को नज़रअंदाज़ किया गया लेकिन अब भारतीय सुरक्षाबल लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल के उल्लंघन के मामलों का विरोध करती है। अब हमारे सुरक्षाबल उन्हें रोकते हैं, उन्हें टोकते हैं।

सर्वदलीय बैठक में भी इसकी जानकारी दी गई कि इस बार काफ़ी अधिक संख्या में चीनी सुरक्षाबल लाइन ऑफ़ एक्चुअल कंट्रोल के नज़दीक पहुंचे और हमारी सेना इसका अनुरूप जवाब दे रही है।

मोदी ने कहा कि सैनिकों की बहादुरी और राष्ट्रभक्ति को सलाम करते हैं

जहां तक एलएसी के उल्लंघन की बात है तो साफ़ तौर पर पीएम मोदी ने कहा कि 15 जून को गलवान घाटी में हिंसा इसलिए हुई क्योंकि चीनी सैनिक एलएसी के पास कुछ निर्माण कार्य कर रहे थे और उन्होंने इसे रोकने से इनकार कर दिया। बता दें कि 15 जून को गलवान में हुई हिंसा में भारत के 20 सैनिकों की मौत हो गई थी। पीएम मोदी ने कहा कि सैनिकों की बहादुरी और राष्ट्रभक्ति को सलाम करते हैं जिन्होंने सीमा पर चीनी सैनिकों के निर्माण कार्य का विरोध किया।

एलएसी का उल्लंघन करने की कोशिश को नाकाम कर दिया

जब प्रधानमंत्री ने कहा कि एलएसी के इस तरफ़ यानी भारतीय सीमा में कोई भी चीनी नहीं है तो उनके कहने का तात्पर्य था कि उस स्थिति में हमारे सैनिकों की बहादुरी के कारण यह संभव हुआ है। जानकारी के अनुसार 16 बिहार रेजिमेन्ट के सैनिकों ने उस दिन चीनी सैनिकों के निर्माण कार्य करने और एलएसी का उल्लंघन करने की कोशिश को नाकाम कर दिया था।

उल्लंघन करने का दुस्साहस किया उन्हें हमारे बहादुर सैनिकों ने उचित जवाब दिया

पीएम ने कहा था कि जिन लोगों ने हमारे देश की सीमा का उल्लंघन करने का दुस्साहस किया उन्हें हमारे बहादुर सैनिकों ने उचित जवाब दिया है। पीएम ने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि हमारी सेनाएं देश की सीमाओं की रक्षा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।

पीएम मोदी ने कहा था कि भारत के नक्शे में स्पष्ट तौर पर देश की सीमा दिखाई गई है और सरकार पूरी तरह से इसकी रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है

सर्वदलीय बैठक में यह भी बताया गया था कि बीते साठ सालों में परिस्थितियों के अनुरूप 43,000 वर्ग किलोमीटर की जगह देश के हाथों से फिसली है और देश इससे अच्छी तरह से वाकिफ है। इस बात को समझा जाना चाहिए कि सरकार एलएसी में एकतरफ़ा बदलाव की कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेगी। एक तरफ जब देश के बहादुर सैनिक सीमाओं की रक्षा में जुटे हुए हैं ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस मुद्दे पर बेवजह विवाद पैदा किया जा रहा है जिससे सैनिकों का मनोबल गिरेगा।

Like and Follow us on :

logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com