4 जनवरी को कासिमपुर में एक हेक्टेयर भूमि में सीएम योगी आदित्यनाथ के हेलीकॉप्टर के लिए हेलीपैड बनाया गया था। अधिकारियों ने किसान से वादा किया था कि कार्यक्रम के बाद मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक पैसा नहीं मिला है।अब पीड़ित किसान ने शुक्रवार को डीएम कार्यालय के साथ ही लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से शिकायत की है। हालांकि प्रशासनिक अधिकारियों का दावा है कि किसान को मुआवजे का प्रस्ताव बनाकर सरकार को भेज दिया गया है। वहां से राशि जारी होते ही भुगतान कर दिया जाएगा।
कासिमपुर देहात निवासी किसान चंद्रपाल सिंह बघेल ने बताया कि 4 जनवरी को सीएम योगी आदित्यनाथ बिजली विभाग की परियोजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करने कासिमपुर आए थे. उनका कार्यक्रम गांव के नवाब सिंह चौहान इंटर कॉलेज में ही तय हुआ था। इसके पास उसका एक हेक्टेयर क्षेत्रफल में सरसों का खेत है। प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मैदान को हेलीपैड के रूप में चिह्नित किया। इस खेत में खड़ी एक हेक्टेयर सरसों नष्ट हो गई। अधिकारियों ने वादा किया कि इसके एवज में मुआवजा दिया जाएगा।
वहीं, हेलीपैड में उपयोग की गई ईंटों का उपयोग कार्यक्रम के बाद दीवार निर्माण में भी किया जाएगा, लेकिन अब तक मुआवजा नहीं मिला है. अधिकारी संतोषजनक जवाब भी नहीं दे रहे हैं।
एसडीएम कोल संजीव ओझा ने बताया कि प्रशासन ने सीएम के कार्यक्रम के लिए एक हेक्टेयर किसान की जमीन का इस्तेमाल किया था । नियमानुसार एक हेक्टेयर भूमि में 12 बीघा होता है।
सरसों की खेती की बात करें तो एक बीघा रकबे में अधिकतम 1.60 क्विंटल तक सरसों का उत्पादन होता है। ऐसे में 12 बीघा में अधिकतम 20 क्विंटल सरसों का उत्पादन होने का अनुमान है। इस समय बाजार में सरसों का भाव छह हजार है। ऐसे में किसान के लिए सरसों की कीमत के हिसाब से 1.24 लाख मुआवजे का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है| सरकार की ओर से पैसा आते ही किसान के खाते में जमा करा दिया गया है. किसान को मुआवजा देने को लेकर प्रशासन गंभीर है। सरसों के उत्पादन से पहले ही मुआवजा दिया जाएगा।
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