गुजरात के विधानसभा चुनाव में पहली बार जोर-शोर से चुनावी मैदान में उतरी आम आदमी पार्टी को झटके पर झटके लग रहे हैं। पहले भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) में AAP के साथ अपना गठबंधन तोड़ और उसके बाद कुछ बड़े नेताओं समेत कई कार्यकर्ता और पदाधिकारियों ने भाजपा का दामन थाम लिया। आम आदमी पार्टी को भाजपा ने ही नहीं कांग्रेस ने भी झटका दिया है। 100 से अधिक आप कार्यकर्ता कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं।
आम आदमी पार्टी को सबसे अधिक झटके पर झटके गुजरात में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी ने दिए हैं। आज शुक्रवार को ही आम पार्टी के स्टेट सेक्रेटरी और राजकोट म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की स्टैंडिंग कमेटी के पूर्व चेयरमैन राजभा झाला ने BJP का दामन थाम लिया।
इससे पहले सौराष्ट्र के बड़े चेहरे इंद्रनील राजगुरु ने पार्टी छोड़ चुके। राजगुरु वह चेहरा हैं जो राजकोट ईस्ट सीट से वह 2012 में जीते थे और फिर 2017 में उन्होंने राजकोट वेस्ट सीट से सीएम विजय रूपाणी को कड़ी टक्कर दी थी। इसके अलावा अहमदाबाद में आम आदमी पार्टी के उपाध्यक्ष रहे शाकिर शेख भी इस्तीफा दे चुके। इसी प्रकार आप के 15 पूर्व पदाधिकारी और जामनगर इकाई के 200 कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो चुके हैं।
ऐसे में गुजरात में कड़ी टक्कर देने उतरी आम आदमी पार्टी की चूलें हिल चुकी है। अब नहीं लगता कि आम आदमी पार्टी गुजरात में कोई करिश्मा कर पाएगी। वैसे भी आम आदमी पार्टी के सीएम उम्म्मीदवार इसुदान गढ़वी ऐसा चेहरा है जिस पर शराब पीकर महिला से छेड़छाड़ के आरोप हैं और वे जेल भी जा चुके।
गुजरात में आम आदमी पार्टी के स्टेट सेक्रेटरी और राजकोट म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की स्टैंडिंग कमेटी के पूर्व चेयरमैन राजभा झाला ने आज बीजेपी का दामन थाम लिया है। इंद्रनील राजगुरु के करीबी रहे हैं झाला। इंद्रनील ने कुछ दिन पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली थी। गुजरात में चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद से ही सियासत गर्म हो गई है। गुजरात में आम आदमी पार्टी अब तक अपने उम्मीदवारों की चौदहवी लिस्ट जारी कर चुकी है। गुजरात में विधानसभा चुनाव के बीच पार्टी नेताओं के दल बदलने का दौर भी जारी है।
आम आदमी पार्टी का सीएम फेस इसुदान गढ़वी को बनाए जाते ही इंद्रनील राजगुरु ने पार्टी छोड़ दी है। इंद्रनील राजगुरु सौराष्ट्र के बड़े चेहरे रहे हैं, जो कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में आए थे। उनके एग्जिट से आम आदमी पार्टी को सौराष्ट्र में बड़ा झटका लग सकता है, जहां वह मजबूती से आगे बढ़ने की कोशिश कर रही थी। गुजरात में सौराष्ट्र वह इलाका है, जहां कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर रही है। इंद्रनील राजगुरु के असर को इससे समझा जा सकता है कि राजकोट ईस्ट सीट से वह 2012 में जीते थे और फिर 2017 में उन्होंने राजकोट वेस्ट सीट से सीएम विजय रूपाणी को ही चुनौती दे दी थी। यही नहीं चुनाव में वह मुकाबले में भी दिखे थे। रियल एस्टेट कारोबारी रहे इंद्रनील राजगुरु एक दौलतमंद नेता रहे हैं और स्थानीय स्तर पर अच्छा प्रभाव रहा है।
गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले जमकर मेहनत कर रही आम आदमी पार्टी (आप) को अहमदाबाद में बड़ा झटका लगा है। कार्यकर्ताओं को दरकिनार करते हुए पैसों वालों को टिकट बांटने का आरोप लगाते हुए अहमदाबाद में उपाध्यक्ष शाकिर शेख ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कल्पेश पटेल को टिकट देने पर सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें पैसों के दम पर उम्मीदवारी मिली है।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में रविवार को भाजपा ने दावा किया है कि आप के 15 पूर्व पदाधिकारी और जामनगर इकाई के 200 कार्यकर्ता भाजपा में शामिल हो गए हैं। पार्टी का कहना है कि राजेंद्र पाल गौतम के कथित वीडियो के बाद नेताओं ने यह कदम उठाया है। भाजपा के जिला अध्यक्ष रमेश मूंगड़ा ने उन्हें पार्टी में शामिल कराया। हालांकि, इन नेताओं और कार्यकर्ताओं के नाम अभी सामने नहीं आए हैं।
गुजरात चुनाव में पूरी ताकत के साथ उतरने की तैयारी कर रही आम आदमी पार्टी को तब भी बड़ा झटका लगा जब भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) में AAP के साथ अपना गठबंधन तोड़ दिया। पार्टी की तरफ से तर्क दिया गया है कि अगर आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन रखा गया तो उनके खुद के संगठन को नुकसान होगा। उनकी पार्टी को तोड़ने का प्रयास किया जाएगा। जब भारतीय ट्राइबल पार्टी के अलग होने से अब जब गुजरात चुनाव में आम आदमी पार्टी को काफी नुकसान होना तय है।
अभी कुछ दिन पहले ही गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी में दरार देखने को मिली थी। वांसदा तालुका में आप बड़ा झटका लगा था। वांसदा तालुक के 100 से अधिक आप कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़कर कांग्रेस का दामन थाम लिया था। गुजरात चुनाव से पहले संगठन के महासचिव समेत तमाम पदाधिकारियों ने कांग्रेस ज्वाइन कर लिया था। गौरतलब है कि आम आदमी पार्टी ने पहली बार सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।
आम आदमी पार्टी के सीएम उम्म्मीदवार इसुदान गढ़वी पर गुजरात में शराब पीकर प्रदर्शन कर रही बीजेपी की महिला कार्यकर्ता के साथ छेड़खानी का आरोप लगा था। इस मामले में गढ़वी को जेल भी जाना पड़ा था। एफएसएल की रिपोर्ट में पुष्टि हुई थी कि उन्होंने यह घटना शराब पीकर की थी। लेकिन गढ़वी ने खुद को पाक साफ दिखाने के चक्कर में सारा इल्जाम भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर मढ़ दिया था।