Gujarat Elections: कौन है भूपेंद्र पटेल? पाटीदार समुदाय को साधने के लिए खेला बीजेपी ने बड़ा दांव

गुजरात चुनाव में बीजेपी ने भूपेंद्र पटेल को अपना सबसे बड़ा विकल्प बना लिया है। पार्टी को भरोसा है कि भूपेंद्र पटेल की राजनीति और उनके काम करने का अंदाज उन्हें इस चुनाव में फायदा पहुंचाएगा। जानिए कौन है भूपेंद्र पटेल? पाटीदार समुदाय को साधने के लिए जिस पर खेला बीजेपी ने बड़ा दांव।
(गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल और पीएम मोदी, फोटो-ट्विटर)
(गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल और पीएम मोदी, फोटो-ट्विटर)
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गुजरात चुनाव में बीजेपी इस बार पाटीदार समुदाय पर खास फोकस कर रही है। जिस समुदाय ने 2017 में पार्टी को बड़ी चुनौती दी थी, उसी समुदाय के सामने अब बीजेपी ने भूपेंद्र पटेल को अपना सबसे बड़ा विकल्प बना लिया है। पार्टी को भरोसा है कि भूपेंद्र पटेल की राजनीति और उनके काम करने का अंदाज उन्हें इस चुनाव में फायदा पहुंचाएगा।

कौन हैं भूपेंद्र पटेल?

भूपेंद्र पटेल गुजरात के घाटलोडिया विधानसभा सीट से वर्तमान विधायक हैं। वह पाटीदार समुदाय से आते हैं। भूपेंद्र पटेल को गुजरात में जमीनी स्तर का नेता माना जाता है। पटेल की उम्र 59 साल है। वह अहमदाबाद के शिलाज इलाके का रहने वाला है। शिक्षा की बात करें तो मिली जानकारी के अनुसार उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है।

भूपेंद्र पटेल 2015-17 के दौरान वे AUDA यानी अहमदाबाद अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन रह चुके हैं। वहीं जब सामाजिक जिम्मेदारी की बात आती है तो वह 2008-10 में एएमसी के स्कूल बोर्ड के उपाध्यक्ष रह चुके हैं।

पहली विधायिका में ही सीएम की कुर्सी!

भूपेंद्र पटेल लंबे समय से राजनीति से जुड़े हुए हैं। उन्हें सामाजिक और राजनीतिक रूप से अच्छा अनुभव है। वर्ष 1999-2000 में वे स्थायी समिति के अध्यक्ष और मेमनगर नगर पालिका के अध्यक्ष थे। 2010-15 के दौरान वे थलतेज वार्ड से पार्षद रहे।

करीब साढ़े तीन साल बाद नेतृत्व का मौका

पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने पहली बार जीत हासिल की और करीब साढ़े तीन साल बाद उन्हें राज्य का नेतृत्व करने का मौका मिला। वह पटेल पाटीदार संगठनों सरदार धाम और विश्व उमिया फाउंडेशन के ट्रस्टी भी हैं। ऐसे में ये पाटीदार समाज को लुभाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

पाटीदार समुदाय पर फोकस

गुजरात बीजेपी का गढ़ रहा है और बीजेपी के लिए चुनौती अपना गढ़ बनाए रखने की है। पिछले चुनाव में पाटीदार आंदोलन और कांग्रेस से कड़ी टक्कर थी। इस बार चुनौती ज्यादा नहीं होनी चाहिए, इसलिए एक पटेल नेता को लाना जरूरी था। इसी को देखते हुए भूपेंद्र पटेल को लाया गया है ताकि बीजेपी की आवाज पाटीदार समाज तक पहुंचे।

भूपेंद्र पटेल को सीएम बनाने की रणनीति को राजनीतिक जानकार बीजेपी के बड़े कदम के तौर पर देखते हैं। उनके अनुसार पाटीदारों को लुभाने के लिए यह जरूरी था।

सरकार बनाने में पाटीदार समाज की भूमिका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे लंबे समय तक (4610 दिन) गुजरात के मुख्यमंत्री रहे। उसके बाद वे केंद्र की राजनीति में आए और आनंदीबेन पटेल को अपने विकल्प के तौर पर पहली महिला मुख्यमंत्री बनाया। आनंदीबेन को हटाकर विजय रूपाणी को सीएम बनाया गया था।

कुल आबादी में करीब 14 फीसदी पाटीदार

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक राज्य की कुल आबादी में करीब 14 फीसदी पाटीदार हैं, जबकि मतदाताओं में इनकी संख्या करीब 21 फीसदी है। प्रदेश में इस सोसायटी के विधायकों की अच्छी खासी संख्या है।

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