AAP VS CONGRESS : कांग्रेस मुक्‍त भारत कर रही 'आप', राहुल - प्रियंका की बढ़ी मुश्किलें

पांच विधानसभा चुनावों के नतीजों से कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। भाजपा विरोधी राजनीति के आधार पर, कांग्रेस उम्मीद कर रही थी कि आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस उभरती हुई चुनौती को समाप्त करने के लिए अच्छा प्रदर्शन करेंगी, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी।
राहुल - प्रियंका की ओर बढ़ी मुश्किलें

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पांच विधानसभा चुनावों के नतीजे कांग्रेस के लिए भूकंप लेकर आए, जो 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए अपनी संभावनाओं को पुनर्जीवित करना चाह रही थी। भाजपा विरोधी राजनीति के आधार पर, कांग्रेस उम्मीद कर रही थी कि आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस उभरती हुई चुनौती को समाप्त करने के लिए अच्छा प्रदर्शन करेंगी, लेकिन उन्हें निराशा ही हाथ लगी।

निचले स्तर पर सिमट कर रह गई कांग्रेस

उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में कांग्रेस 'एंटी-इनकंबेंसी' के दायीं ओर थी, क्योंकि वह इन राज्यों में सत्तारूढ़ भाजपा की मुख्य प्रतिद्वंद्वी थी। चुनावी दृष्टि से महत्वपूर्ण उत्तर प्रदेश में पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता भी संघर्ष करते दिखे। कांग्रेस नेताओं ने कृषि कानूनों के खिलाफ भी कड़ा रुख अपनाया, जिन्हें अंततः केंद्र ने निरस्त कर दिया। यूपी में आगे बढ़ने के बजाय, कांग्रेस एक ऐतिहासिक निचले स्तर पर सिमट गई, जिससे इसके पुनरुद्धार का कार्य असंभव नहीं तो और भी कठिन हो गया।

दिग्गज नेताओं की हार से कांग्रेस की बढ़ी मुश्किलें
पंजाब में आप का उदय कांग्रेस के लिए एक और चिंताजनक संकेत है। कांग्रेस को एक ऐसी प्रतियोगिता में खुद को पुनर्जीवित करना मुश्किल लगता है जिसमें मजबूत स्थानीय खिलाड़ी हैं। अब पंजाब में आम आदमी पार्टी की भारी जीत और मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू समेत कांग्रेस के शीर्ष नेताओं की हार से पार्टी आलाकमान की चुनौती ओर बढ़ गई है।

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आप नेताओं ने पार्टी को बताया 'राष्ट्रीय शक्ति'
पंजाब में अपनी सफलता के साथ, आप नेता पार्टी को एक 'राष्ट्रीय शक्ति' के रूप में देख रहे हैं और कांग्रेस की जगह लेने की बात कर रहे हैं। उनका यह भी कहना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भविष्य में बीजेपी के मुख्य प्रतिद्वंद्वी होंगे। आप नेता राघव चड्ढा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को लेकर कहा कि अगर लोगों ने मौका दिया तो वह 2024 में प्रधानमंत्री की बड़ी भूमिका में होंगे।

मोदी के विकल्प के तौर पर खुद को देख रही है दीदी

तृणमूल कांग्रेस के नेता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस भूमिका में देखना चाहते हैं और उन्होंने भाजपा के खिलाफ व्यापक विपक्षी एकता की आवश्यकता की बात भी कही है। उन्होंने शिवसेना और एनसीपी के नेताओं से मुलाकात की है और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ भी बातचीत की है। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले मुकाबले के साथ ही विपक्ष में भी मंथन चल रहा है। आप और तृणमूल कांग्रेस दोनों ही भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में देखे जाने की इच्छुक हैं, यह भूमिका कांग्रेस अब तक स्वीकार करती रही है।

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