उत्तरप्रदेश चुनाव 2022 के प्रचार के लिए खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुरुवार को ग्रेटर नोएडा के दौरे पर रहे. ग्रेटर नोएडा के शारदा विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कल किसी ने मुझसे पूछा कि हर बार कैप्टन को ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश को प्रभारी क्यों बनाती है इस पर अमित शाह कहते है कि वो हमारे लिए शुभ हैं.
2017 में अमित शाह ने 300 पार का नारा दिया था जिस पर किसी ने उनसे पूछा था की कैसे आएंगी इतनी सीट. इस पर उन्होने कहा कि आपने कागज में इतने नंबर देखे है हमने जमीन पर देखा है. उत्तरप्रदेश ने मोदी जी को बहुत दिया है. उत्तरप्रदेश अब बदल रहा है. यहां का युवा बढ़ रहा है उद्योग यहां आ रहे है.
भाजपा के शासन काल में उत्तरप्रदेश में सुरक्षा व्यवस्था काफी मजबूत हुई है. पिछले 20 सालों में बसपा-सपा के शासन में उत्तरप्रदेश गड्ढे में था. समाजवादी पार्टी ने जाति को आगे बढ़ाया लेकिन भाजपा ने सुशासन के कारण राज किया. 5 साल बीजेपी की सरकार चली लेकिन अखिलेश बाबा भ्रष्टाचार एक आरोप तक नहीं लगा सके. भाजपा के सभी लोगों का काम समाज को आगे बढ़ाना है।
विधानसभा चुनाव 2022 उत्तरप्रदेश का भविष्य तय करने वाले चुनाव है. उत्तरप्रदेश में 20 साल माफिया राज चला है. वर्तमान में आजम खान ,मुख्तार अंसारी जैसे आरोपी जेल में हैं। योगी राज में उत्तरप्रदेश में कानून व्यवस्था उच्च कोटि की रही है.
आपको बता दें कि यूपी में चुनाव को लेकर बुधवार को शाह ने दिल्ली में जाट नेताओं के साथ बैठक की. जिसमें यूपी और हरियाणा के भाजपा से जुड़े नेता शामिल थे. बैठक में शाह ने जयंत चौधरी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह गलत घर में शामिल हो गए हैं.
दिल्ली के बगल में यूपी की कुल 11 सीटों पर 10 फरवरी को चुनाव होने हैं. इसमें नोएडा की तीन सीटें दादरी नोएडा और जेवर हैं. वहीं, गाजियाबाद की पांच सीटें मोदीनगर, मुरादनगर, गाजियाबाद शहर, लोनी और साहिबाबाद हैं. इसके अलावा हापुड़ की धौलाना और गढ़मुक्तेश्वर और हापुड़ विधानसभा है. अमित शाह के ग्रेटर नोएडा में चुनाव प्रचार करने से इन सीटों पर काफी असर देखने को मिल सकता है. हालांकि सपा और बसपा के प्रत्याशी भी चुनाव प्रचार के लिए जी तोड़ मेहनत कर रहे हैं।
विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र गुरुवार को वापस लिए जाने का अंतिम दिन है. इसके बाद चुनाव मैदान में बचे प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न आवंटित किए जाने है.13 नामांकन पत्रों को अपूर्ण होने के कारण उन्हें पहले ही कैंसल किया जा चुका है. वहीं उप जिला निर्वाचन अधिकारी वंदिता श्रीवास्तव ने बताया कि गुरुवार दोपहर तीन बजे तक नामांकन पत्र वापस लिए गए।
हालाकी उन्होने बता दिया था कि नामांकन करने वाले जो उम्मीदवार नाम वापस लेना चाहते हैं, वो अपना नाम गुरुवार दोपहर तीन बजे तक वापस ले सकते है. इसके बाद जिनका नाम बचेगा उनके बीच मुकाबला होगा. विधानसभा चुनाव के लिए तीनों विधानसभा क्षेत्र से कुल 52 नामांकन पत्र भरे गए थे. सबसे अधिक नोएडा विधानसभा से 23, दादरी विधानसभा से 16 व जेवर विधानसभा से 13 नामांकन पत्र दाखिल भर गए थे. जिनमें से 13 नामांकन पत्र अधूरे मिलन पर उन्हे निरस्त कर दिया गया था. जिनमें नोएडा विधानसभा से सबसे ज्यादा दस नामांकन पत्र कैंसल हुए, इसमें दादरी विधानसभा से दो, जेवर विधानसभा से एक नामांकन पत्र कैंसल हुए. अब तीनों विधानसभा क्षेत्र में 39 लोगों की दावेदारी बची है. नामांकन वापसी के बाद उम्मीदवारों की संख्या में और कमी देखने को मिल सकती है, लेकिन यह तय हो चुका है कि तीनों विधानसभा क्षेत्र में मतदान संपन्न कराने के लिए प्रत्येक बूथ पर केवल एक-एक बैलेट यूनिट की ही जरूरत होगी.