राजस्थान में विधान सभा चुनाव की भभक जग चुकी है। कांग्रेस और बीजेपी पार्टी दोनों ही अपनी कमर कस रही है। पहले गृह मंत्री अमित शाह की रैली हुई तो उसके बाद कांग्रेस पार्टी ने केन्द्र सरकार के खिलाफ महंगाई हटाओ महारैली की जिसमें खुद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गाँधी, राहुल गाँधी और प्रियंका शामिल हुई।
अब बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का फिर से यह दूसरा दौरा राजस्थान में होने जा रहा है। खैर आगामी चुनाव को लेकर बीजेपी - कांग्रेस एक्टिव तो है ही लेकिन बीजेपी आलाकमान का एक साफ़ संदेश बीजेपी के लीडरों के लिए भी नजर आ रहा है।
जिस तरह से बीजेपी में गुट की राजनीती की तस्वीर दिखाई देती है। शायद अब आलाकमान का निर्देश एक होने को लेकर है और केन्द्र की नजर राजस्थान के आगामी विधान सभा चुनाव पर टिकी है।
बता दे की अगले महीने जेपी नड्ढा का राजस्थान राज्य का दौरा रहेगा और फिर पार्टी में एक नई रणनीति पर चर्चा होगी। नड्डा आठ जिलों में नए पार्टी कार्यालय भवनों का अनावरण करेंगे और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए राज्य के नेताओं के साथ बैठक भी करेंगे।
भाजपा नेताओं के मुताबिक, नड्डा का दौरा कई मायनों में अहम है। सबसे पहले, यह संदेश देगा कि भाजपा राजस्थान के 2023 के विधानसभा चुनावों को प्राथमिकता पर रख रही है, ताकि 2024 के संसदीय चुनावों के दौरान लाभ उठाया जा सके।
वहीं राजस्थान एक राष्ट्रीय रैली के आयोजन के बाद कांग्रेस का प्रमुख केंद्र प्रतीत होता है, पार्टी का लक्ष्य सभी राजनीतिक घटनाक्रमों पर पैनी नजर रखना है।
शाह ने 5 दिसंबर को राज्य का दौरा किया था, और गहलोत सरकार को संदेश दिया कि भगवा पार्टी अब सरकार नहीं गिराएगी लेकिन 2023 में लोग नई सरकार का मार्ग प्रशस्त करने के लिए सरकार को बेदखल कर देंगे।
इसी तरह रविवार को राहुल गांधी, सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा दिग्गज नेताओं के साथ महंगाई के खिलाफ कांग्रेस के महारैली के दौरान एक विशाल सभा में शामिल होने के लिए जयपुर में थे।