लखनऊ कैंट सीट पर BJP की जीत पक्की फिर भी क्यों बनी पार्टी के लिए आफत? इसे लेकर रीता बहुगुणा‚ मुलायम की बहु अपर्णा व अन्य कद्दावर नेताओं के कनेक्शन के बीच रार को समझिए

सत्ताधारी पार्टी बीजेपी की बात करें तो यहां लखनऊ कैंट सीट को लेकर अंदरूनी कलह बढ़ सकता है। ये हाल तब है जब इस सीट पर बीजेपी की जीत पक्की मानी जा रही है। दरअसल सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव इस सीट से भाजपा के टिकट पर अड़ी हैं‚ रोचक बात ये है कि इस सीट पर ही रीता ने भाजपा के टिकट पर 2017 में भी सपा प्रत्याशी अपर्णा यादव को हराया था।
इस सीट पर ही रीता ने भाजपा के टिकट पर 2017 में भी सपा प्रत्याशी अपर्णा यादव को हराया था‚ तो अर्पणा का मानना है कि यदि उन्हें बीजेपी की ओर से कैंट का उम्मीदवार घोषित किया जाता है तो वे विधानसभा पहुंच ही जाएंगी। 

इस सीट पर ही रीता ने भाजपा के टिकट पर 2017 में भी सपा प्रत्याशी अपर्णा यादव को हराया था‚ तो अर्पणा का मानना है कि यदि उन्हें बीजेपी की ओर से कैंट का उम्मीदवार घोषित किया जाता है तो वे विधानसभा पहुंच ही जाएंगी। 

पांच राज्यों के साथ यूपी का चुनावी दंगल परवान पर है। पहली सूची में जिनके टिकट कटे उनका बुरा हाल तो जिनके नाम चुनावी रण के​ लिए फाइनल हुए वे अब जोर शोर से अपने क्षेत्रों में जुट चुके हैं, वहीं उत्तरप्रदेश में अब अगली सूची का इंतजार है।

खासकर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी की बात करें तो यहां लखनऊ कैंट सीट को लेकर अंदरूनी कलह बढ़ सकता है। ये हाल तब है जब इस सीट पर बीजेपी की जीत पक्की मानी जा रही है। दरअसल सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव इस सीट से भाजपा के टिकट पर अड़ी हैं।

अब बीजेपी के सामने संकट ये है कि इस सीट से पार्टी के मजबूत नेता भी अपना दावा ठोकर रहे हैं। उत्तरप्रदेश भाजपा के अंदरखाने से खबर आ रही है कि सांसद रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे के लिए लखनऊ कैंट सीट से टिकट मांग रही हैं।

वहीं इस रेस में दिनेश शर्मा भी लगे हैं। भाजपा पार्टी की यूपी इकाई के सूत्रों का कहना है कि अगर पार्टी अपर्णा को कैंट से टिकट देती है तो वह सपा का दामन छोड़ सकती हैं।

<div class="paragraphs"><p>अपर्णा का मानना है कि यदि उन्हें बीजेपी की ओर से कैंट का उम्मीदवार घोषित किया जाता है तो वे विधानसभा पहुंच ही जाएंगी।</p></div>

अपर्णा का मानना है कि यदि उन्हें बीजेपी की ओर से कैंट का उम्मीदवार घोषित किया जाता है तो वे विधानसभा पहुंच ही जाएंगी।

अपर्णा का तर्क: यहां से टिकट मिला तो जीत पक्की

बता दें कि अपर्णा यादव 2017 की विधानसभा में समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार थीं। खास बात ये है कि और रीता बहुगुणा जोशी से हार गईं थी।

अपर्णा का मानना है कि यदि उन्हें बीजेपी की ओर से कैंट का उम्मीदवार घोषित किया जाता है तो वे विधानसभा पहुंच ही जाएंगी। क्योंकि लखनऊ कैंट सीट है जहां बीजेपी की जीत निश्चत तौर पर पक्की मानी जा रही है।

ऐसे जो इस सीट पर दावा ठोक रहे हैं शायद उन्हें ये भी लगता है कि इस सीट से टिकट मिलने पर उन्हें ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी और मलाई भी हाथ आ जाएगी।

<div class="paragraphs"><p>रीता लखनऊ कैंट पर इसलिए भी दावा कर रही हैं क्योंकि 2012 में जोशी ने कैंट सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी। वहीं 2017 में भी बीजेपी के टिकट पर रीता ने मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को यहां से ही हराया था।</p></div>

रीता लखनऊ कैंट पर इसलिए भी दावा कर रही हैं क्योंकि 2012 में जोशी ने कैंट सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी। वहीं 2017 में भी बीजेपी के टिकट पर रीता ने मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को यहां से ही हराया था।

PTI 

2012 में लखनऊ कैंट से कांग्रेस के टिकट पर जीतीं, 2017 में बीजेपी के टिकट सपा की अर्पणा को यहां से हराया था
इसी सीट से रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे मयंक जोशी के लिए दावा ठोक रही हैं। रीता लखनऊ कैंट पर इसलिए भी दावा कर रही हैं क्योंकि 2012 में जोशी ने कैंट सीट से कांग्रेस के टिकट पर जीत हासिल की थी। वहीं 2017 में भी बीजेपी के टिकट पर रीता ने मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव को यहां से ही हराया था। हालांकि 2019 में पार्टी ने उन्हें सांसद बना दिया। इसलिए इस सीट से उपचुनाव में बीजेपी के सुरेश तिवारी विधायक बने। अब रीता बहुगुणा जोशी अपने बेटे के लिए यह सीट वापस मांग रही हैं।

बेटे को टिकट मिला तो चुनावी रण से ले सकती हैं सन्यास- सूत्र

अंदरखाने से ये भी कहा जा रहा है कि यदि बेटे का टिकट यहां से कन्फर्म होता है तो रीता चुनावी रण से संन्यास ले सकती हैं।

<div class="paragraphs"><p>प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ&nbsp;लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया</p></div>

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया

उधर लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया की भी बहू के लिए कैंट से टिकट की मांग

लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया अपनी बहू रेशु भाटिया को कैंट से टिकट दिलाने के लिए दिल्ली से लेकर संघ तक लॉबिंग में लगी हुई हैं। सूत्रों के अनुसार इसके लिए उन्होंने दिल्ली हाई कमान से लेकर संघ के आला अधिकारियों तक से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। दरअसल इस विधानसभा क्षेत्र में सिंधी, पंजाबी और पाकिस्तान से विस्थापित लोगों की बड़ी आबादी है। ऐसे में माना जा रहा है कि इस आबादी में भाटिया परिवार को बड़ी जीत मिल सकती है।

<div class="paragraphs"><p>एक धड़ा कैंट सीट से रक्षा मंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह के बेटे नीरज सिंह की पैरवी कर रहा।</p></div>

एक धड़ा कैंट सीट से रक्षा मंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह के बेटे नीरज सिंह की पैरवी कर रहा।

लखनऊ से सांसद और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बेटे नीरज सिंह को भी यहां से ​टिकट देने की पैरवी

वहीं युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव अभिजीत मिश्रा का नाम भी इस सीट को लेकर चर्चा में हैं तो भाजपा की ब्राह्मण समन्वय समिति के सदस्य अभिजीत मिश्रा भी लखनऊ की कैंट विधानसभा से दावेदार माने जा रहे हैं। अंदरखाने से ये भी खबर आ रही है कि बीजेपी का एक धड़ा कैंट सीट से रक्षा मंत्री और लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह के बेटे नीरज सिंह की पैरवी कर रहा है।

<div class="paragraphs"><p>लखनऊ से मेयर रहे दिनेश शर्मा का मानना है कि कैंट के ब्राह्मण वोटर उन्हें विधानसभा में लेकर जाएंगे।</p></div>

लखनऊ से मेयर रहे दिनेश शर्मा का मानना है कि कैंट के ब्राह्मण वोटर उन्हें विधानसभा में लेकर जाएंगे।

डिप्टी सीएम से लेकर अन्य मंत्रियों की पहली पसंद है कैंट सीट

लखनऊ से बीजेपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के लिए कैंट उनकी पहली पसंद हैं। क्यांकि लखनऊ से मेयर रहे दिनेश शर्मा का मानना है कि कैंट के ब्राह्मण वोटर उन्हें विधानसभा में लेकर जाएंगे। इधर योगी सरकार में मंत्री रह चुके महेंद्र सिंह भी कैंट सीट का दावा ठोकर रहे हैं।

<div class="paragraphs"><p>इस सीट पर ही रीता ने भाजपा के टिकट पर 2017 में भी सपा प्रत्याशी अपर्णा यादव को हराया था‚ तो अर्पणा का मानना है कि&nbsp;यदि उन्हें बीजेपी की ओर से कैंट का उम्मीदवार घोषित किया जाता है तो वे विधानसभा पहुंच ही जाएंगी।&nbsp;</p></div>
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