
UP का सियासी रण हुआ प्रचंड, अपने पुराने कार्ड पर दांव खेलेगी कांग्रेस, दलित-मुस्लिम-ब्राह्मण का बनाएगी गठजोड़
File Photo
उत्तरप्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी रण प्रचंड हो चुका हैं। यूपी में लम्बे समय से कांग्रेस पार्टी सत्ता से कोसों दूर हैं। ऐसे में अब पार्टी परम्परागत वोट बैंक के जरिए अपनी घर वापसी चाहती हैं। अपने अगले सियासी दांव के तौर अब अब पार्टी दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण मतदाताओं का भरोसा जीतने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस पार्टी के एक दलित नेता के मुताबिक, कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पार्टी अब छोटे-छोटे समूहों में दलित समुदाय के असरदार लोगों से मुलाकात करेंगी।
दलित सम्मेलन टला, तो पार्टी ने बदली रणनीति
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को माध्यम बनाकर कांग्रेस दलित मतदाताओं को साधना चाहती थी, लेकिन चुनाव से ठीक पहले कोरोना के बढ़ते मामलों ने पार्टी के इन प्रयासों को नाकाम कर दिया। बता दें कि, जनवरी के दूसरे सप्ताह में कानपुर में होने वाला कांग्रेस का दलित सम्मेलन फिलहाल टल गया है। इस सम्मेलन में चन्नी के शामिल होने की उम्मीद थी। कोरोना के चलते सम्मलेन तो टल गया, इसके खामियाजे की भरपाई के लिए पार्टी अब रणनीति बदल रही हैं।
PriyankaGandhi Along With Rahul Gandhi
बता दें कि, कांग्रेस ने दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कई मुख्यमंत्री बनाए हैं। पंजाब के पहले दलित मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, आंध्र प्रदेश में दलित समाज के दामोदर संजीववैय्या, राजस्थान में दलित समाज के जगन्नाथ पहाड़िया, बिहार में भोला पासवान, महाराष्ट्र में सुशील कुमार शिंदे मुख्यमंत्री के पद पर बैठाकर कांग्रेस ने हमेशा ही सम्मान दिया है।
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