Sourav Ganguly's Birthday Special : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली आज अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं। BCCI के वर्तमान अध्यक्ष, गांगुली को भारतीय क्रिकेट को एक नए युग में लाने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में जाना जाएगा। वह ऐसे समय में टीम के कप्तान बने जब टीम इंडिया के कई खिलाड़ी मैच फिक्सिंग में शामिल थे। ऐसे में सौरव गांगुली ने पूरे आत्मविश्वास के साथ टीम इंडिया की बागडोर संभाली और नई ऊंचाईयों पर ले गए।
गांगुली भारत के कप्तान थे जिन्होंने टीम को लड़ना सिखाया। शायद यही आज टीम का फायदा है। उन्होंने अपनी कप्तानी में वीरेंद्र सहवाग, जहीर खान, युवराज सिंह, हरभजन सिंह और इरफान पठान जैसे नए क्रिकेटरों को मौका दिया। उनकी कप्तानी में भारत ने बहुत कुछ हासिल किया। आइए नजर डालते हैं गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम के पांच यादगार प्रदर्शनों पर।
साल 2002 में टीम इंडिया सौरव गांगुली की कप्तानी में इंग्लैंड के दौरे पर गई थी। जहां भारत, इंग्लैंड और श्रीलंका के बीच नेटवेस्ट ट्रॉफी खेली गई। इस ट्रॉफी के फाइनल में टीम इंडिया का सामना इंग्लैंड से हुआ था।
इंग्लैंड की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 325 रन बनाए। जवाब में भारत ने भी मजबूत शुरुआत की। लेकिन मध्यक्रम के लड़खड़ाने के बाद एक समय टीम इंडिया का स्कोर 5 विकेट पर 146 रन था।
इसके बाद युवराज और कैफ की यादगार पारियों की बदौलत टीम इंडिया की मैच में वापसी हुई। लॉर्ड्स में इन दोनों खिलाड़ियों ने 121 रन की साझेदारी कर इतिहास रच दिया। इस ऐतिहासिक जीत के बाद गांगुली ने लॉर्ड्स की बालकनी में अपनी शर्ट उतारकर लहराई।
वर्ष 2002 में श्रीलंका में चैंपियंस ट्रॉफी का आयोजन किया गया था। भारतीय टीम जिम्बाब्वे, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका को हराकर फाइनल में पहुंची थी। खिताबी मुकाबले में उनका सामना मेजबान श्रीलंका से हुआ। चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल बारिश के कारण धुल गया था। इसके बाद रिजर्व डे में दोनों टीमों के बीच मैच हुआ। लेकिन दूसरे दिन भी खराब मौसम और बारिश के कारण मैच पूरा नहीं हो सका जिसके बाद भारत और श्रीलंका को संयुक्त विजेता घोषित किया गया।
1999 में ऑस्ट्रेलिया गई भारतीय टीम को कंगारुओं के खिलाफ टेस्ट सीरीज में 3-0 से हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा त्रिकोणीय वनडे सीरीज के दौरान भारतीय टीम को 14 में से 13 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2003/04 में एक बार फिर टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई। जहां दोनों देशों के बीच खेले गए बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में टीम इंडिया शानदार प्रदर्शन करते हुए सीरीज 1-1 से ड्रॉ कराने में कामयाब रही।
सौरव गांगुली की कप्तानी ने साल 2003/04 में पाकिस्तान की धरती पर भारत का इतिहास रच दिया था। ऐसा भारतीय क्रिकेट इतिहास में पहली बार हुआ जब टीम इंडिया पाकिस्तान में वनडे और टेस्ट सीरीज जीतने में सफल रही। भारत ने टेस्ट सीरीज में पाकिस्तान को 2-1 और वनडे सीरीज में 3-2 से हराया। यह वही दौरा था जिसमें वीरेंद्र सहवाग मुल्तान के सुल्तान बने थे।
वर्ष 2003 में दक्षिण अफ्रीका में क्रिकेट विश्व कप का आयोजन किया गया था। न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में मिली करारी हार के बाद भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन किया। भारत को शुरुआती मैच में नीदरलैंड्स को मात दी थी, जिसके बाद ग्रुप मैच के दौरान उसे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था।
इसके बाद भारत ने वापसी की और कई टीमों को हराकर फाइनल में दस्तक दी। लेकिन फाइनल में भारत का सामना अपराजित ऑस्ट्रेलिया से हुआ। इस खिताबी मुकाबले में टीम इंडिया कंगारुओं को मात नहीं दे पाई और फाइनल में 125 रन से हार का सामना करना पड़ा।