फिरोजाबाद में दिसंबर 2019 में हुए सीएए के विरोध में प्रदर्शन व हिंसा मामले में पीड़ितों की शिकायत व घटनाक्रम की पूर्ण जानकारी को पहुंची राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने साफ कह दिया है कि अगर इस घटना में कोई पीड़ित है तो वो अपनी शिकायत आयोग के समक्ष कर सकता है | बता दें कि मानवाधिकार आयोग की टीम शुक्रवार यानी आज संबंधित शिकायतों व बयानों को दर्ज करेगी।
दरअसल, जिले में दिसंबर 2019 में सीएए के विरोध में हुए बवाल की जांच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने शुरू कर दी है।
आयोग की एक टीम इन दिनों फिरोजाबाद जिले में मौजूद है , जो इस बवाल से जुड़े सभी पहलुओं की जांच कर रही है | आयोग की टीम बीते चार अक्टूबर को यहां आई थी व 8 अक्टूबर यानी आज आखिर दिन उक्त मामले से संबंधित प्रभावित लोगों के बयान दर्ज करेगी।
आयोग ने कहा है कि अगर कोई आयोग को उक्त घटनाक्रम से संबंधित कोई साक्ष्य या जानकारी देना चाहता है तो वो दे सकता है। बता दें कि आयोग की टीम घटनास्थल पर भी जाकर मुआयना कर चुकी है। घटना के दौरान मौजूद रहे पुलिस और प्रशासन अधिकारियों से भी पूछताछ हो चुकी है।
बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक यानी सीएए के विरोध में फिरोजाबाद में 20 दिसंबर, 2019 को जमकर बवाल हुआ था। यहां के रसूलपुर थाना क्षेत्र में नमाजियों की भीड़ में मौजूद कुछ उपद्रवियों ने इस कानून का विरोध करते हुए नालबंद पुलिस चौकी को आग के हवाले कर दिया था। बवाल में जमकर पथराव और फॉयरिंग के साथ-साथ आगजनी की घटना भी हुई थी। कई वाहन जल गए थे, जिनमें पत्रकारों और पुलिस की गाड़ियां भी शामिल थीं।
पथराव में कई पुलिसकर्मी और प्रशासनिक अफसर भी घायल हुए थे। पुलिस ने भी फॉयरिंग की थी। उपद्रवियों और पुलिस की ओर से की गई, इस फायरिंग में कुछ लोगों की मौत हुई थी। इस बबाल में एक-एक कर कुल मिलाकर सात लोगों की मौत हुई थी।
इसी मामले की जांच करने को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम इन दिनों फिरोजाबाद में डेरा डाले हुए है। यह टीम यह देख रही है कि ऐसे क्या कारण थे, जिनकी वजह से यह बवाल हुआ। बवाल को रोकपाने में कौन-कौन अधिकारी फेल हुए और जिन लोगों की मौत हुई।