कोरोना: 57 साल बाद मोदी सरकार ने क्यो लागू किया पंडित नेहरू के दौर का आदेश, जानें क्या हैं पूरा मामला

कोरोना महामारी की बेहद खतरनाक दूसरी लहर का कहर पूरा देश झेल रहा है। इस बीच नरेंद्र मोदी सरकार ने 57 साल बाद पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के दौर के एक आदेश को फिर से लागू किया है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoP & T) ने 1964 के एक आदेश को लागू किया है जिसमें सरकारी कर्मचारियों को अपने खाली समय में चिकित्सा सेवा करने की अनुमति दी गई है।
कोरोना: 57 साल बाद मोदी सरकार ने क्यो लागू किया पंडित नेहरू के दौर का आदेश, जानें क्या हैं पूरा मामला

डेस्क न्यूज़- कोरोना महामारी की बेहद खतरनाक दूसरी लहर का कहर पूरा देश झेल रहा है। इस बीच नरेंद्र मोदी सरकार ने 57 साल बाद पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के दौर के एक आदेश को फिर से लागू किया है। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoP & T) ने 1964 के एक आदेश को लागू किया है जिसमें सरकारी कर्मचारियों को अपने खाली समय में चिकित्सा सेवा करने की अनुमति दी गई है।

कई कर्मचारियों के पास हैं, मेडिकल की डिग्री 

डीओपीटी ने गृह मंत्रालय के 29 फरवरी, 1964 के

एक आदेश का हवाला दिया, जिसके तहत

एचओडी को चिकित्सा सेवा शुरू करने के लिए

चिकित्सा की किसी भी प्रणाली में मान्यता प्राप्त

योग्यता के सरकारी कर्मचारी को अनुमति देने के लिए कहा गया था। हालांकि इस बार के आदेश के लिए एचओडी से किसी अनुमति की जरूरत नहीं है। शर्त सिर्फ यह है कि चिकित्सा सेवा के कारण कर्मचारी की मूल सेवा प्रभावित न हो। दरअसल, कई आईएएस, आईपीएस और अन्य अधिकारी भी मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हैं। अब वे उस क्षमता का उपयोग चिकित्सा सेवा के रूप में कर सकेंगे।

कोरोना को देखते हुए जारी किए आदेश

केंद्र ने 12 मई को देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए चिकित्सा क्षेत्र में मान्यता प्राप्त योग्यता वाले अपने कर्मचारियों को चिकित्सा कार्य करने या फोन पर इलाज की सलाह देने की अनुमति दी थी। यह आदेश भी तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। डीओपीटी द्वारा जारी एक आदेश में, ये कार्य खाली समय में और विशुद्ध रूप से धर्मार्थ कार्य के रूप में किए जाए।

डीओपीटी ने गृह मंत्रालय के 57 साल पुराने आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि मौजूदा वैश्विक महामारी के दौरान केंद्र सरकार के कई कर्मचारी फोन संबंधी इलाज की सलाह मांग रहे हैं।

एचओडी से अनुमति की आवश्यकता नहीं

उन्होंने कहा, "कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार के भीतर उपलब्ध क्षमताओं का इस्तेमाल संक्रमण से निपटने और जनता की मदद के लिए करने का फैसला किया गया है कि केंद्र सरकार के कर्मचारी जिनके पास चिकित्सा की किसी भी प्रणाली में मान्यता प्राप्त योग्यता हो, उन्हें चिकित्सा कार्य करने या फोन पर उपचार सलाह देने के लिए विभाग प्रमुख (एचओडी) से किसी भी तरह की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है।

खाली समय में कर सकेंगे सेवा

केंद्र सरकार के सभी विभागों को जारी आदेश के मुताबिक इसके लिए शर्त यह होगी कि ये काम खाली समय में और धर्मार्थ कार्य के रूप में किए जाएं और इससे सरकारी कर्मचारी के सरकारी काम में किसी भी तरह की बाधा न आए. उन्होंने कहा, "रिकॉर्ड के लिए हालांकि सरकारी कर्मचारियों को इस बारे में अपने विभाग को पूरी जानकारी देनी होगी." कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ।

Like and Follow us on :

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com