Rohingya: बांग्लादेश भी रोहिंग्यों से परेशान; UN में शेख हसीना बोलीं- देश में बढ़ रही कट्टरता, घातक होगें परिणाम

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश में रोहिंग्या शरणार्थियों को लेकर चिंता व्यक्त की है। शेख हसीना ने भाषण में कहा कि 'बांग्लादेश में लंबे समय से रह रहे रोहिंग्याओं का अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, सुरक्षा और सामाजिक-राजनीतिक स्थिरता पर गंभीर प्रभाव पड़ता है'।
Rohingya: बांग्लादेश भी रोहिंग्यों से परेशान; UN में शेख हसीना बोलीं- देश में बढ़ रही कट्टरता, घातक होगें परिणाम
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बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने देश में रोहिंग्या शरणार्थियों के प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है। शेख हसीना ने संयुक्त राष्ट्र से इस मामले में प्रभावी भूमिका निभाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों का बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, सुरक्षा और सामाजिक-राजनीतिक स्थिरता पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।

रोहिंग्याओं के कारण देश में बढ़ अपराध

शेख हसीना ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र में कहा- 'बांग्लादेश में लंबे समय से रह रहे रोहिंग्याओं का अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, सुरक्षा और सामाजिक-राजनीतिक स्थिरता पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। रोहिंग्याओं के खिलाफ कोई पहल नहीं किए जाने के कारण मानव और नशीली दवाओं की तस्करी सहित सीमा पार अपराधों में वृद्धि हुई है।

गौरतलब है कि भारत भी इस समस्या से जूझ रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत में रोहिंग्या शरणार्थियों की संख्या 40,000 से ज्यादा है। रोहिंग्या मुसलमान इस समय देश के जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान समेत कई राज्यों में रहते हैं।

कट्टरता को बढ़ावा दे सकती है आगे आने वाली स्थिति

आगे शेख हसीना ने बोला कि स्थिति संभावित रूप से कट्टरता को बढ़ावा दे सकती है। यदि समस्या आगे बनी रहती है, तो यह क्षेत्र और उससे आगे की सुरक्षा और स्थिरता को प्रभावित कर सकती है।

2017 में म्यांमार से बांग्लादेश में रोहिंग्याओं के बड़े पैमाने पर पलायन को याद करते हुए, हसीना ने कहा कि नायपेडा और संयुक्त राष्ट्र एक भी रोहिंग्या को म्यांमार में उनके पैतृक घरों में वापस नहीं लाया गया था।

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