चीन की करतूत एक बार फिर दुनिया के सामने, विश्व की दो बड़ी जांच एजेंसियों ने दी चेतावनी

ब्रिटिश खुफिया एजेंसी MI5 के प्रमुख केन मैक्कलम ने कहा कि चीन के जासूस 2018 की तुलना में 7 गुना अधिक जासूसी कर रहे हैं ।
ब्रिटेन और अमेरिका के खुफिया प्रमुखों ने चीन पर दी चेतावनी
ब्रिटेन और अमेरिका के खुफिया प्रमुखों ने चीन पर दी चेतावनी
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अमेरिका और ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियों एफबीआई और एमआई5 के प्रमुखों ने चेतावनी दी है कि चीन लंबे समय में पश्चिमी देशों के लिए सबसे बड़ा खतरा है । इन प्रमुखों ने कहा कि चीन लंबे समय से जासूसी कर के जरुरी जानकारी चोरी करने की कोशिश कर रहा है इतना ही नहीं चीन दुनिया को अपने पक्ष में करने के लिए दमन का सहारा ले रहा है। चीन के बढ़ते खतरे के बारे में दुनिया को आगाह करने के लिए दोनों खुफिया प्रमुख इतिहास में पहली बार एक साथ आए हैं। जानकारों का कहना है कि चीन के खतरे से निपटने के लिए भारत को भी तैयार रहना होगा ।

चीन के जासूस 2018 की तुलना में 7 गुना अधिक जासूसी कर रहे

ब्रिटिश खुफिया एजेंसी MI5 के प्रमुख केन मैक्कलम ने कहा कि चीन के जासूस 2018 की तुलना में 7 गुना अधिक जासूसी कर रहे हैं । एफबीआई प्रमुख क्रिस्टोफर रे ने कहा कि स्थिति इतनी खराब है कि वह हर 24 घंटे में चीन से जुड़े एक मामले की जांच शुरू कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह अवधारणा गलत है कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ घनिष्ठ संबंध बदलाव लाएंगे। एफबीआई प्रमुख ने कहा, "हम जिस सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रहे हैं, वह चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का तेजी से बढ़ता एकाधिकार है।"

'कम्युनिस्ट पार्टी पूरी दुनिया में गुपचुप तरीके से दबाव बना रही है'

एफबीआई प्रमुख ने कहा, 'चीन की कम्युनिस्ट पार्टी गुपचुप तरीके से दुनिया भर में दबाव बना रही है। हमें कार्रवाई करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन पर रूस के हमले से चीन सबक ले रहा है और संभावना है कि चीन ताइवान पर जबरन कब्जा करने की कोशिश कर सकता है. अमेरिकी खुफिया एजेंसी के प्रमुख ने खुलासा किया है कि चीन के पास जासूसों का एक विशाल नेटवर्क है

चीन ने कहा- ब्रिटेन और अमेरिका हमारी अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा

दूसरी ओर, चीन ने कहा है कि वह अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में ब्रिटेन और अमेरिका से सबसे बड़े खतरे का सामना कर रहा है। दोनों खुफिया प्रमुखों ने बताया कि चीन से निपटने के लिए MI5 और FBI ने दुनिया के अन्य स्वतंत्र देशों के साथ मिलकर एक अपराजेय टीम बनाई है. उन्होंने कहा कि चीन सरकार आर्थिक लाभ हासिल करने के लिए लंबे समय से हैकिंग और सूचना चोरी की गतिविधियों में शामिल रही है।

चीन को लेकर ये भी चौकाने वाला आंकड़ा

इसी वजह से चीनी विशेषज्ञ इस बात पर जोर देते हैं कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ब्रिटेन समेत पूरी दुनिया में व्यापार के नाम पर सक्रिय है। एक विशेषज्ञ ने बीबीसी को बताया, 'पार्टी के सदस्य हर जगह हैं. चीन के लिए व्यापार कभी भी राजनीति से अलग नहीं होता। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के 93 मिलियन सदस्य हैं, जिनमें से कई विदेशों में चीनी संगठनों में तैनात हैं या उन्हें गुप्त रूप से वहां रखा गया है।

विदेशी कंपनियों में अहम पदों पर तैनात होते है चीनी 'एजेंट'

जानकारों का कहना है कि विदेशी कंपनियों में अहम पदों पर तैनात इन 'एजेंटों' को अलग-अलग तरीकों से भर्ती किया जाता है । ब्रिटिश जासूस के अनुसार इन एजेंटों को पहले 'सकारात्मक प्रलोभन' से राजी किया गया था। खासकर अगर लक्षित व्यक्ति गैर-चीनी है। इसके तहत चीन में महत्वपूर्ण व्यापारिक बैठक के नाम पर पश्चिमी देशों के लोगों को आमंत्रित करना। यदि कोई कंपनी संकट में है, तो इसमें वित्तीय सहायता देना या कंपनी के भीतर एक पद देना शामिल है। पिछले 10 से 15 वर्षों में चीन ने सकारात्मक गति देकर विदेशियों को अपने पाले में लाने के लिए बहुत तेजी से काम किया है।

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