सोमवार को इंडोनेशिया में तबाही मचाने के बाद तुर्किये (पुराना नाम तुर्की) और अब महाराष्ट्र के नासिक में भूकंप के झटके महसूस किये गए। पिछले कुछ दिनों से प्रतिदिन कहीं न कहीं से धरती हिलने की ख़बरें सामने आ रही हैं। कहीं केवल झटके महसूस हो रहें तो कहीं बड़ी तबाही मच रही है। आए दिन आ रहे भूकंप से लोगों में दहशत व्याप्त है, वहीं इसे लेकर की जा रही भविष्यवाणियों ने भी चिंताएं बढ़ा दी हैं।
IIT कानपुर में सिविल इंजीनियरिंग विभाग के सीनियर प्रो. जावेद एन मलिक की टीम लंबे समय से भूकंप पर रिसर्च कर रही है। उनका कहना है की टेक्टोनिक प्लेट्स के अस्थिर होने से लंबे समय तक इस तरह के भूकंप आते रहेंगे। ऐसा सोचना गलत है कि भारत में बड़े भूकंप नहीं आ सकते। ऐसे में भारत ही नहीं पूरा विश्व भूकंप से हिल रही धरती को लेकर चिंतित है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इंडोनेशिया में आये भूकंप से अब तक 268 लोगों की मौत हो गई है। 700 से ज्यादा लोग घायल हैं वहीं लगभग 2 हजार से ज्यादा घर तबाह हो गए जिससे 13 हजार के करीब लोग बेघर हैं। अस्थाई कैंपों, पार्किंग और सड़कों पर ही घायलों का इलाज किया जा रहा है।
इस भूकंप का भयानक मंजर सियांजुर कस्बे में देखा गया जहां 3 मिनट तक इमारतें हिलती रहीं। सबसे ज्यादा मौतें भी यहीं हुई। हालांकि, मौतों का सरकारी आंकड़ा अभी तक जारी नहीं किया गया।
बुधवार सुबह तुर्किये में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया। इसके झटके इतने तेज थे कि राजधानी अंकारा, इस्तांबुल और आस-पास के इलाकों में महसूस किए गए।
एक व्यक्ति ने आंखों देखा हाल बताते हुए कहा कि मैंने भूकंप के तेज झटके महसूस किए। अपार्टमेंट में अजीब सी कंपन हुई। ऐसा लग रहा था कि मानों बिल्डिंग गिरने वाली है। सभी लोग अपने मकानों से बाहर निकलकर सड़क पर जमा हो गए।
भूकंप के डर से एक ऊंची इमारत से कूद गए जिससे 22 लोग घायल हो गए, इनमें से एक की हालत गंभीर है।
फहार्टिन कोका, हेल्थ मिनिस्टर
बुधवार तड़के महाराष्ट्र में नासिक के पास रिक्टर स्केल पर 3.6 तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। एनसीएस के मुताबिक, नासिक से 89 किलोमीटर पश्चिम में सुबह करीब 4 बजे पृथ्वी की सतह के नीचे टेक्टोनिक प्लेटों की हलचल महसूस की गई। भूकंप की गहराई जमीन से 5 किमी. नीचे थी।