चीन में पुलिस की सख्ती के बावजूद जीरो कोविड पॉलिसी के खिलाफ जमकर प्रदर्शन हो रहा है। कुछ वीडियो सामने आये जिनमें दिख रहा है की चीन के ग्वांगझू शहर में लोग पुलिस पर कांच की बोतलें फेंक रहें हैं।
साथ ही आक्रोशित जनता सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी कर रही हैं, राष्ट्रपति शी जिनपिंग का इस्तीफा मांग रहें हैं। वहीं पुलिस प्रोटेस्ट को दबाने के लिए प्रदर्शनकारियों को खदेड़ रही है, जबरदस्ती प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जा रहा है।
प्रदर्शनकारी असंतोष जताते हुए खाली सफेद कागज (ब्लैंक व्हाइट पेपर) लेकर प्रोटेस्ट कर रहे हैं। बीजिंग में भी स्टूडेंट्स ब्लैंक व्हाइट पेपर लेकर साइलेंट प्रोटेस्ट करते दिखे। ये एक तरह से सेंसरशिप या गिरफ्तारी से बचने के तौर पर किया जाने वाला विरोध है।
लोग जिनपिंग गद्दी छोड़ो, कम्युनिस्ट पार्टी गद्दी छोड़ो, शिनजियांग को अनलॉक करो, चीन को अनलॉक करो, पीसीआर टेस्ट नहीं चाहिए, प्रेस की आजादी चाहिए जैसे नारे लगा रहे हैं। हमें डिक्टेटरशिप की बजाय डेमोक्रेसी चाहिए। लोग सड़कों पर बैनर लेकर खड़े हैं। बैनर पर लिखा है- नीड ह्यूमन राइट, नीड फ्रीडम।
चीन में 10 महीनों से जीरो कोविड पॉलिसी लागू है। कई तरह की पाबंदियां हैं, लेकिन गुस्सा तब भड़क गया, जब चीन के शिंजियांग में 25 नवंबर को एक बिल्डिंग की 15वीं मंजिल में आग लगी गई। इस हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई।
लॉकडाउन की वजह से राहत समय पर नहीं पहुंच सकी। लोगों ने आरोप लगाया कि अफसरों ने लापरवाही की। इसके बाद बीजिंग में लोग सड़कों पर उतर आए और प्रदर्शन शुरू हो गए।
24 नवंबर 2022 को चीन के शिनजियांग प्रांत की राजधानी उरुमकी के एक अपार्टमेंट में 15वें फ्लोर पर रात 7:54 बजे आग लग गई। देखते ही देखते आग कई और फ्लोर में फैल गई। आग से बचने के लिए लोग बाहर की तरफ भागने लगे लेकिन उन्हें रोक दिया जाता है, यानी मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। इसकी वजह थी कोविड लॉकडाउन।
दूसरी ओर सख्त जीरो कोविड नीति की वजह से दमकलकर्मियों के आने में भी देरी होती है। 5 घंटे तक आग पर काबू करने के लिए कोई इंतजाम नहीं होता है। इससे 10 लोगों की झुलसने और धुएं में दम घुटने से मौत हो जाती है इससे लोगों का गुस्सा भड़क उठा।