BBC Documentary: देश के बड़े वर्ग के अनुसार ‘गजवा-ए-हिन्द’ की परिकल्पना लेकर चलने वाला पीएफआई, भारत को इस्लामिक देश बनाने का ख्बाव देखता है। गजवा-ए-हिन्द का मकसद पूरे देश में आतंकवादी पैदा करना है, जो हिन्दुओं के मंदिरों, उनकी आस्था के साथ खिलवाड़, धर्मपरिवर्तन, अवैध मस्जिदों का निर्माण करना और हिन्दुओं के ‘सर तन से जुदा’ कर सकें।
‘गजवा-ए-हिंद’ कश्मीर का एक संगठन है। जिसका कमांडर साल 2017 से 2019 तक आतंकी मूसा रहा था। मूसा के 2019 में मारे जाने के बाद अब इब्राहिम इसका कमांडर है।
पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) अपने आपको राजनीतिक संगठन बताता है लेकिन देश के कई बडे पत्रकारों के अनुसार ये संगठन राजनीति की आड़ में आंतकियों को ट्रेनिंग देने काम करता है। पीएफआई का नाम 2006 के मुंबई ब्लास्ट और 2008 के अहमदाबाद ब्लास्ट में भी सामने आया था। सीएए के विरोध और हिजाब विवाद में पीएफआई और इसी की छात्र शाखा सीएफआई की सक्रिय भागीदारी देखी गई।
BBC Documentary: जब पूरे देश में सीएए के खिलाफ दंगे हुए तो देशभर की मीडिया रिपोर्ट् में पीएफआई का नाम सबसे ऊपर आया। असम हो या उत्तर प्रदेश, इन राज्यों से PFI के सदस्यों को गिरफ्तार किया गया। चाहे वह शाहीन बाग में अराजकता फैलाना होया पूर्वोत्तर दिल्ली में दंगा भड़काना हो, इनमें PFI की भूमिका संदिग्ध थी।
हाल ही में पीएफआई के हवाले से इंडिया 2047 नाम का एक दस्तावेज बरामद किया गया था जिसके अनुसार ये संगठन निम्न हथियारों का प्रयोग करते है-
2047 तक गजवा-ए-हिंद की तैयारी
हर घर से एक PFI सदस्य की भर्ती की रणनीति
संविधान की दुआई देना
RSS और SC/ST/OBC के बीच दरार पैदा करना
हिंदू/संघ परिवार के नेताओं के खिलाफ सूचना का संग्रहण करना
BBC Documentary: हाल ही में पटना के फुलवारी शरीफ से पाक आतंकी मरगूब अहमद की गिरफ़्तारी के बाद से कई नए खुलासे हुऐ थे। पुलिस जाँच में सामने आया था की PFI 'गजवा-ए-हिन्द' के लिए महजबी नुमाइंदों को अब तक 15 हजार से अधिक हथियार भी बांट चुकी है।ये तो सिर्फ पकडा गया एक प्यादा है, जिसने ये बताया।
साथ ही खुलासा हुआ था कि ये गजवा-ए-हिंद के नाम से दो वाट्सएप ग्रुप और मैसेंजर के जरिए देश में हिंसा फैलाने की साजिश रच रहे थे। इन वाट्सएप ग्रुप से पाकिस्तान और बांग्लादेश के 181 लोगों के जुड़े होने का पता चला था। इनके वाट्सएप ग्रुप की डीपी पर भारत के नक्शे को हरे रंग से रंगकर पाकिस्तानी झंडा लगाया गया था।
पुलिस जाँच में सामने आया की PFI ने 15 से अधिक जिलों में ट्रेनिंग सेंटर खोल रखें है। इन ट्रेनिंग सेंटरों पर युवाओं में महजबी जहर घोलकर उनका ब्रैनवॉश किया जाता है। पत्थरबाज़ी से लेकर साम्प्रदायिक दंगों तक कि प्लानिंग की जाती है। अतहर और उसकी टीम अब तक 10 हजार से अधिक युवाओं को ट्रेनिंग दे चुकी है।
BBC Documentary: पिछले आर्टिकल में आपको बताया था कि बीबीसी को हिन्दू राष्ट्र की परिकल्पना करना संविधान के आधार पर केवल काल्पनिक लगती है लेकिन इसी भारत देश में गजवा-ए-हिंद की परिकल्पना लेकर चलने वाला पीएफआई काल्पनिक नहीं लगता। जो कि बिहार में मिले दस्तावेजों के अनुसार 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बनाने का ख्बाव पालता है।
आइए आपकों बताते है कि कैसे बीबीसी के द्वारा पीएफआई पर लिखे आर्टिकल में किस प्रकार से नरमी बरती गयी।
BBC Documentary: बीबीसी की ओर से पीएफआई पर लिखे गये आर्टिकल में कहा गया है कि ‘राम मंदिर आंदोलन ने भारतीय समाज- राजनीति में बड़े बदलावो को जन्म दिया’। आगे कहता है कि‘मुस्लिम सियासत जाहिर है इससे अछूती कैसे रह सकती थी’।
बीबीसी के अनुसार इन संगठनों की शुरूआत ‘1980 के दशक में उग्र हिंदुत्व का प्रसार और बाबरी मस्जिद विध्वंस’के कारण हुई है।
क्या इन आतंकी संगठनों के उदय होने में राम मंदिर आंदोलन का बड़ा हाथ है?
BBC Documentary: पीएफआई पर नरम रूख अपनाते हुए बीबीसी भारत सरकार को कठघरे में खड़ा करता है। आर्टिकल में आगे कहता है ‘संस्था के अनुसार’, मतलब पीएफआई के अनुसार...अब आप ही बताइए कोई भी संगठन अपने आपको आतंकी संगठन क्यूं बताएगा?
‘भारत सरकार ऐसा नहीं मानती संस्था के विरूद्ध दाखिल एक के बाद एक मामलों में राजद्रोह, गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल होने (यूएपीए), समुदाय के बीच नफरत फैलाने, विदेशी फंड से देश की संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने और अशांति फैलाने का आरोप लगता रहा है’।
इससे पूर्व में हमने आपकों बताया कि ये संगठन कैसे कार्य करता है, बडे हैरत की बात है कि फिर भी बीबीसी को ये सिर्फ आरोप लगते है। आप अगर जनता के बीच जो बात रख रहे है, उसको उसी के अनुसार नहीं, बल्कि सच्चाई के साथ लिखना पड़ेगा।
BBC Documentary: सिंस इंडिपेंडेस उन खबरों की खबर आपके सामने लाता रहेगा, जो देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने का कार्य करेगी।