वॉशिंगटन स्थित अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार और धार्मिक आजाद कमेटी - ICHRRF (International Commission for Human Rights and Religious Freedom) ने स्वीकार किया है कि 1989-1991 के दौरान कश्मीरी पंडितों का नरसंहार किया गया था। दरअसल रविवार को हुई विशेष सुनवाई में करीब 12 कश्मीरी पंडितों ने गवाही दी और अपने परिवारों पर हो रहे अत्याचारों के दर्द को पेश किया।
आयोग ने भारत सरकार और जम्मू-कश्मीर सरकार को इसे नरसंहार मानकर दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने का आह्वान किया है। बता दें कि जब से कश्मीर फाइल रिलीज हुई है कश्मीरी पंडितों पर हिंसा का मामला देशभर में उठ रहा है।
वहीं देशभर में कश्मीरी पंडितों को न्याय देने की मांग उठ रही है। बता दें कि हाल ही में रिलीज हुई फिल्म द कश्मीर फाइल्स में भी पंडितों पर हो रहे अत्याचार को दिखाया गया है।
सुनवाई के दौरान, पीड़ितों के कई परिवारों ने अपने प्रियजनों पर हुए अत्याचारों की ICHRRF को दिल दहला देने वाली दास्तां सुनाई। उन्होंने इसकी तुलना यहूदियों के नरसंहार से की। उन्होंने कहा कि आतंकियों ने उन्हें जबरदस्ती कश्मीर से बाहर निकाला। इनमें बड़ी संख्या में हिंदू, महिलाएं और पुरुष और बच्चे शामिल थे।