पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर अत्याचार को दौर जारी है। लगता नहीं की आजादी के बाद से किसी तरह का कोई ठोस कदम पाकिस्तान की सरकार के द्वारा हिन्दू आबादी पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के लिए उठाया गया हो।
यहीं कारण है कि बटवारे के समय पाकिस्तान में कुल आबादी का 13 प्रतिशत हिस्सा हिन्दू आबादी का था, लेकिन अब यह घटकर 2 प्रतिशत से भी कम हो गई है।
हाल के दिनों में पाकिस्तान में एक बार फिर से हिन्दुओं पर हो रहे अत्यचार बढ गए है।
लेकिन लोगों का मानना है कि भारत में अल्पसंख्यक समुदाय पर कंकर फेंकने की घटना पर हंगामा करने वाली सभी मानवाधिकार संस्थान पाकिस्तान में हो रहे हिन्दू अत्याचार पर मौन है।
हाल में पाकिस्तान में जहां एक तरह हिंदू सफाईकर्मी को ईशनिंदा के आरोप में बहुसख्यक लोगों की आबादी ने बेरहमी से पीटा है, तो वहीं दूसरी तरफ एक सिख लड़की का धर्म परिवर्तन करके उसके साथ जबरन निकाह करने का मामला सामने आया है।
पाकिस्तान में एक हिंदू सफाईकर्मी को ईशनिंदा के आरोप में बहुसख्यक लोगों की आबादी ने बेरहमी से पीटा। खबर आ रही है कि हिंदू सफाईकर्मी अशोक की मौत हो गई है।
हालांकि कुछ खबरें यह भी है कि वो शख्स बच गया है। पाकिस्तानी पत्रकार नायला इनायत ने ट्वीट कर कहा- पाकिस्तान के हैदराबाद में हिंदू सफाईकर्मी अशोक कुमार को कुरान का अपमान करने के आरोप में धारा 295बी के तहत गिरफ्तार किया गया है।
दुकानदार बिलाल अब्बासी से मारपीट के बाद बिलाल ने अशोक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
इस शिकायत के बाद गुस्साई भीड़ अशोक को उसके अपार्टमेंट के बाहर घेर लेती कर मारपीट शुरु कर देती है। पाकिस्तान की हैदराबाद पुलिस ने लाठियों से भीड़ को तितर-बितर किया।
यह कोई पहली घटना नहीं है जब इस तरह बहुसंख्यक मुस्लिम आबादी की दादागिरी सामने आई हो।
इससे पहले दिसंबर में श्रीलंकाई नागरिक की भी हत्या पाकिस्तान में की गई थी।
पाकिस्तान में ईशनिंदा के कठोर कानूनों के कारण कई लोगों को पीट-पीट कर मार डाला गया है।
दिसंबर 2021 में, ईशनिंदा के आरोप में एक श्रीलंकाई कारखाने के प्रबंधक को पहले भीड़ ने पीट-पीट कर मार डाला था।
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में शनिवार 20 अगस्त को सिख लड़की दीना कौर का अपहरण कर जबरन निकाह करने का मामला सामने आया।
बहुसख्यकों के द्वारा पहले सिख लड़की का धर्म परिवर्तन कराया गया। परिजनों ने जब न्याय के लिए पुलिस से मदद मांगी तो पुलिस अधिकारियों ने उनकी शिकायत दर्ज करने तक को माना कर दिया।
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की रहने वाली गुरबचन सिंह की बेटी दीना कौर शिक्षिका हैं। शनिवार की सुबह वह घर से स्कूल जाने के लिए निकली थी।
स्कूल पहुंचने से पहले रास्ते में ही उसका अपहरण कर लिया गया। इसके बाद उनका धर्म बदलवा दिया गया और बाद में उसे निकाह के लिए मजबूर किया गया।
दीना कौर के अपहरण की खबर सुनकर जब गुरबचन सिंह और इलाके के लोग पुलिस के पास गए तो पुलिस ने उन्हें यह कहकर चुप रहने को कहा कि लड़की ने धर्म परिवर्तन कर लिया है। पुलिस अधिकारियों ने गुरबचन सिंह की एफआईआर तक दर्ज नहीं की।
पाकिस्तान में सिखों के उपर हो रहे अत्याचार के खिलाफ लोग पाकिस्तान में सड़को पर प्रदर्शन कर रहे है। न्याय के लिए सड़कों पर उतरे परिवार दीना कौर के पिता गुरबचन सिंह ने एक मीडिया को बताया कि व्यवस्थाओं के तहत कल उनकी बेटी का अपहरण कर लिया गया था।
इसके बाद बेटी को जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया और उसकी शादी कर दी गई।
उन्होंने पुलिस से प्रशासन से गुहार लगाई, लेकिन किसी ने सही जवाब नहीं दिया।
गुरबचन सिंह ने कहा कि न्याय मिलने तक वह सड़कों पर धरना जारी रखेंगे।
इस बीच, भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने पूरी घटना की निंदा की और कहा कि पाकिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।
सिरसा ने कहा कि एक सिख परिवार न्याय के लिए सड़कों पर धरना दे रहा है। भारत, पूरा सिख समुदाय और भारत सरकार इस मुश्किल घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ खड़ी है।
सिरसा ने कहा कि वह इस मुद्दे पर भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से बात करेंगे और उनसे आग्रह करेंगे कि वह इस मुद्दे को पाकिस्तान सरकार के सामने सख्ती से उठाएं।