रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा सैन्य कार्रवाई के आदेश के बाद यूक्रेन पर मिसाइलों से हमला किया जा रहा है। रूस ने यूक्रेन में कई सैन्य ठिकानों को तबाह कर दिया है। यूक्रेनी सेना ने यह भी दावा किया कि उसने लुहान्स्क क्षेत्र में पांच रूसी विमानों और एक रूसी हेलीकॉप्टर को मार गिराया। इन सबके बीच अब कई लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा है कि रूस की विशाल सेना के सामने यूक्रेन कब तक टिकेगा, दोनों सेनाओं में कौन अधिक शक्तिशाली है?
रूस टैंकों के मामले में यह दुनिया का नंबर वन देश
रूस की जमीनी ताकत की बात करें तो टैंकों के मामले में यह दुनिया का नंबर वन देश है। रूस के पास कुल 12,420 टैंक हैं जबकि यूक्रेन के पास 2596 टैंक हैं और यह पूरी दुनिया में 13वें नंबर पर आता है। बख्तरबंद वाहनों की बात करें तो रूस पूरी दुनिया में तीसरे स्थान पर है जबकि यूक्रेन छठे स्थान पर है।
रूस के पास समुद्र में हमला करने के लिए 70 पनडुब्बियां
हालांकि इस संघर्ष में नौसेनाओं का कोई सीधा संपर्क होने की संभावना नहीं है, यूक्रेन के कुल 38 नौसैनिक जहाजों की तुलना में रूस के पास अभी भी एक विमानवाहक पोत सहित 600 से अधिक नौसैनिक जहाज हैं। रूस के पास समुद्र में हमला करने के लिए 70 पनडुब्बियां हैं, जबकि यूक्रेन के पास शून्य है।
यूक्रेन के रक्षा मंत्री ओलेक्सी रेज़निकोव विभिन्न पश्चिमी शक्तियों से आने वाली सैन्य आपूर्ति को ट्वीट कर रहे थे, जिसमें जेवलिन मिसाइलों के अलावा मानव-पोर्टेबल सतह से हवा में मार करने वाली स्टिंगर मिसाइल, टन गोला बारूद, राइफल, ऑप्टिकल दृष्टि से मशीन गन शामिल हैं। दृष्टि और निगरानी प्रणाली, और अन्य सैन्य उपकरण।
नाटो देशों ने यूक्रेन के पड़ोसी देशों में सेना, हथियार और सैन्य वाहन पहुंचाना शुरू कर दिया है
यूक्रेन जिस तरह से नाटो के करीब है और नाटो के कई देश यूक्रेन से लगी सीमा पर अपनी सेना भेज रहे हैं। नाटो देशों ने यूक्रेन के पड़ोसी देशों में सेना, हथियार और सैन्य वाहन पहुंचाना शुरू कर दिया है। इससे ऐसा लगता है कि नाटो यूक्रेन का समर्थन कर रहा है। ऐसे में अगर नाटो इसका समर्थन करता है तो यह रूस पर भारी पड़ सकता है।
नाटो अगर चाहे तो यूक्रेन का समर्थन कर सकता है
नाटो संगठन में 30 देश हैं। नाटो के अंतरराष्ट्रीय सैन्य गठबंधन का मूल सिद्धांत इसकी सामूहिक रक्षा प्रणाली है। संगठन के नियमों के अनुसार यदि कोई देश सदस्य देशों पर आक्रमण करता है तो उसे पूरे संगठन पर हमला माना जाएगा। इस आधार पर सारे देश उसके साथ होंगे। हालांकि यूक्रेन नाटो का सदस्य नहीं है, लेकिन नाटो अगर चाहे तो यूक्रेन का समर्थन कर सकता है।
ये आंकड़े ग्लोबफायर वेबसाइट से लिए गए है।