अगर आप भी अपने जन्मदिन पर बर्थडे कैन्डलस को ब्लो करते हैं तो सावधान हो जाइए.. क्योंकि महाराष्ट्र से एक ऐसा मामला सामने आया है जो आपको सकते में ला सकता है।
महाराष्ट्र में बर्थडे की मोमबत्ती को जलाते समय ब्लास्ट हो गया जिससे बच्चा गंभीर घायल हो गया। घायल भी इतना कि तीन डॉक्टरों ने 5 घंटे तक उसकी सर्जरी की और उसके शरीर पर 150 टांके आए।
स्पार्कल कैन्डल जलाने के लगभग 4 घंटे बाद उसमें ब्लास्ट हुआ। जिसने पूरे परिवार में दहशत का माहौल बना दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,मामला चंद्रपुर की चिमूर तहसील की भिसि गांव का है। गांव के एक घर में जन्मदिन का कार्यक्रम था। 10 साल का आरंभ डोंगरे अपने माता-पिता के साथ इस प्रोग्राम में गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआत में सबकुछ सही चल रहा था। सभी लोग जश्न मना रहे थे। बच्चे खेल रहे थे। 10 साल का आरंभ भी खेल रहा था। उसके हाथ में जल चुकी स्पार्कल कैंडल थी। अचानक से कैंडल में ब्लास्ट हो गया और घर में मन रही खुशियां डर और दहशत में बदल गई।
आरंभ के जीभ और गाल फट गए थे। आनन फानन में आरंभ को अस्पताल ले जाया गया। जहां अस्पताल के प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर श्रीकांत पेरका, डॉक्टर सुमित जयसवाल और डॉक्टर पंकज ने पांच घंटे तक आरंभ की सर्जरी की। इलाज के दौरान बच्चे को 150 टांके आए। जी हां 150 टांके।
बच्चे की सर्जरी में शामिल डॉक्टर सुमित जायसवाल ने बताया कि 10 साल के आरंभ को बहुत बुरी हालत में अस्पताल लाया गया था। उन्होंने बताया कि स्पार्कल कैंडल में ब्लास्ट होने की वजह से उसका गाल फट गया. उसकी आंख बाल-बाल बच गई।
घटना घट गई, बच्चा फिलहाल खतरे के बाहर है। लेकिन ये भी सच है कि आरंभ काल के गाल से बच कर निकला है। ये एक ऐसी दुर्घटना थी जिसकी किसी ने उम्मीद भी नहीं की होगी।
आज लगभग हर घर में जन्मदिन और एनिवर्सरीज पर लोग केक पर स्पार्कलिंग कैन्डल का इस्तेमाल करते हैं। तो पूरे देश में कहीं भी इस घटना की पुनरावृत्ति हो सकती है। हो सकता है फिर से कोई ब्लास्ट हो और परिणाम और भी भयानक हो।
इसलिए इस घटना को गंभीरता से लेना जरूरी है। आज सरकार और हर इन्सान को इस घटना का उदाहरण लेते हुए ये मंथन करना होगा कि आखिर स्पार्कल कैन्डल के फटने का जिम्मेदार कौन है ?