उदयपुर हत्याकांड में आरोपियों से जुड़े नए-नए तथ्य सामने आ रहे है। कुछ दिन पहले पता चला था कि आरोपी रियाज और गौस को पाकिस्तान से जिहाद की ट्रैनिंग लेकर आए थे। उनके संबंध पाकिस्तान के दावत-ए-इस्लामी संगठन से भी थे।
कॉल डिटेल से हुआ खुलासा
इस बात का खुलासा दोनों आरोपियों की कॉल डिटेल से हुआ है। दोनों की पाक के 18 नंबरों पर लंबी बात होती थी। सबसे चौकाने वाली बात ये है की ये नंबर दावत-ए-इस्लामी से जुड़े लोगों के हैं।
अब सवाल उठता है की आरोपियों से जुड़े लोगों की देशभर में कन्हैयालाल हत्याकांड जैसे घटनाओं का अंजाम देना तो मकसद नहीं है?
अजमेर का दावत-ए-इस्लामी से कनेक्शन?
पाक के 18 नंबरों से देश के जिन 300 लोगों से बात होती थी, उनमें अजमेर दरगाह का खादिम गौहर चिश्ती भी है। ये वही खादिम गौहर चिश्ती है जिसने अजमेर में 17 जून को भड़काऊ नारे लगाए थे और अभी फरार है।
वहीं बता दें कि बीते दिनों हिस्ट्रीशीटर सलमान चिश्ती को नुपुर शर्मा की हत्या करने के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जिसका बचाव अजमेर के DSP करते हुए दिखें। ऐसे में सवाल है कि क्या अजमेर का भी दावत-ए-इस्लामी से कनेक्शन है? क्या देश के खिलाफ किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की कोशिश की जा रही है?
ATS ने किया केंद्रीय एजेंसियों को सतर्क
इंटेलिजेंस ब्यूरो से जुड़े सूत्रों के अनुसार एटीएस ने इस मामले की तह तक जाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों को पत्र लिखा है। कॉल डिटेल का एनालिसिस भी भेजा है। आईबी ने इनमें से ज्यादातर को ट्रेस किया है। एनआईए जांच रही है कि इन लोगों की देश में उदयपुर जैसे हमले सिलसिलेवार करने की साजिश तो नहीं थी?
जांच में इसके पुख्ता संकेत मिले हैं कि ये देश में कई जगह इस तरह की आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में थे। आईबी-एनआईए ने उन 25 राज्यों को भी चौकन्ना किया है, जहां के ये 300 लोग हैं। इनमें 250 यूपी, महाराष्ट्र, राजस्थान, बंगाल, एमपी, बिहार, गुजरात व केरल के हैं।
क्या है दावत-ए-इस्लामी संगठन
दावत ए इस्लामी एक सुन्नी संगठन है। इसका गठन पाकिस्तान के कराची में मौलाना इलियास अत्तारी ने 1981 में किया था। वर्तमान में इस संगठन का नेटवर्क 194 देशों में फैला हुआ है। पैगम्बर मोहम्मद के संदेशों का प्रचार और प्रसार करना इस संगठन का मुख्य काम है। इसी से जुड़े नंबरों से देश के 25 राज्यों के 300 लोग लगातार संपर्क में हैं।