BIHAR: सम्राट अशोक के शिलालेख पर बन गई मजार, मूक-बधिर बनी नीतीश सरकार

बिहार के सासाराम में ऐतिहासिक सम्राट अशोक के 2300 साल पुराने शिलालेख को सफेद चूने से पोत कर मजार में तब्दील कर दिया है, पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने मरकजी मोहर्रम कमेटी से मजार की चाबी प्रशासन को सौंपने के लिए कहा लेकिन कमेटी ने आदेश नहीं मानते हुए अतिक्रमण और बढ़ा दिया है।
Emperor Ashoka inscriptions- Since Independence
Emperor Ashoka inscriptions- Since Independence

संपूर्ण राज्य को एक धर्म, एक भाषा और एक लिपि के सूत्र में बाँधने वाले सम्राट अशोक जिनके 2300 साल पुराने शिलालेख को लैंड जिहादियों ने मजार में तब्दील कर दिया है। यह मामला बिहार के सासाराम के चंदन पहाड़ी का है।

जहां मजार बनाने के साथ-साथ शिलालेख परिसर में गेट लगाकर उसमें ताला जड़ दिया गया है। देश के गर्व करने वाले शिलालेख को हरे रंग के चादर से ढक कर उसे मजार का रूप दे दिया गया। जिसके बाद ASI और सरकार सवालों के घेरे में हैं।

लोगों का कहना है कि कैसे अखंड भारत के रचियता सम्राट अशोक के लगभग 2300 साल पुराने शिलालेख पर कब्जा हो गया।

Nitish Kumar- Since Independece
Nitish Kumar- Since Independece

बीजेपी ने बिहार सरकार पर साधा निशाना

बीजेपी ने बिहार सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि हजारों साल पुराने ब्राह्मी लिपि में लिखे गए इन शिलालेखों को सहेजने में सरकार ने जानबूझकर लापरवाही दिखाई है। यह बिहार की नीतीश सरकार की लापरवाही का नतीजा है।

बिहार की धरोहर है यह शिलालेख

बिहार के रोहतास जिला के चंदन पहाड़ी की प्राकृतिक कंदरा में अशोक महान द्वारा 2300 साल पहले लघु शिलालेख उत्कीर्ण कराए गए थे। यहां मौजूद शिलालेख ब्राह्मी लिपि में है. देश में भर में मात्र 8 ऐसे शिलालेख हैं। इनमें बिहार में यह एकलौता शिलालेख है।

PM Modi- Since Independece
PM Modi- Since Independece

प्रधानमंत्री करते है विरासत पर गर्व करने की बात

जहां देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लाल किले की प्राचीर से देश की जनता को अपनी विरासत पर गर्व करने की बात करते है, वहीं इस घटना से लगता है कि बिहार की नीतीश सरकार देश की विरासत को बर्बाद करने और लैंड जिहादियों को संरक्षण देने का कार्य कर रही है।  

Emperor Ashoka inscriptions- Since Independence
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शिलालेख को चूने से पोत बदला मजार में

बिहार में सम्राट अशोक का एक मात्र शिलालेख है जिसे अतिक्रमण कर मजार में परिवर्तित कर दिया गया और वहां गेट लगा दिया गया है। शिलालेख को चारों ओर अवैध निर्माण कर घेर लिया गया है। इसके बारे में स्थानीय लोगों का कहना है कि शिलालेख को पहले सफेद चूने से लेप दिया गया और फिर उसे हरे रंग के कपड़े से ढककर मजार में तब्दील कर दिया गया। मामला सामने आने के बाद अब कहा जा रहा है कि स्मारक के गेट को बंदकर ताला लगा दिया गया है।

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