हिंदू धर्म में प्रकाश का पर्व दिवाली को त्योहार को प्रमुख त्योहारों में से एक माना गया है। हर किसी को इसका बेसब्री से इंतजार होता है। इस दिन मां लक्ष्मी , भगवान गणेश की पूजा करने के साथ-साथ पूरे घर को दीपक और लाइटों से सजाया जाता है। धन- ऐश्वर्य देने वाला ये पर्व पूरे पांच दिनों को होता है। इस बार दिवाली पर्व की शुरुआती तारीख में मतभेद होने के कारण लोगों के बीच छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली की तारीख को लेकर कंफ्यूजन है। पंडितों का कहना है कि इस साल सूर्य ग्रहण के कारण नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली और दीपावली एक ही दिन मनाई जाएगी।
हिंदू पंचांग के अनुसार, धनतेरस प्रत्येक वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष के त्रयोदशी को मनाया जाता है। इस साल त्रयोदशी तिथि 22 व 23 अक्टूबर दोनों दिन पहुंच रही है। ऐसे में कुछ लोग धनतेरस 22 व कुछ 23 अक्टूबर को मनाने की सलाह दे रहे हैं। हालांकि ज्योतिषाचार्यों के बता रहे है कि 22 अक्टूबर को धनतरेस का पर्व मनाना उत्तम रहेगा।
पंडित श्रीराम द्विवेदी कहते है कि जो लोग 22 अक्टूबर को धनतेरस मनाएंगे, वे 23 अक्टूबर को छोटी दिवाली व 24 अक्टूबर को दीपावली का त्योहार मनाएंगे।
वहीं जो लोग 23 अक्टूबर को धनतेरस मनाएंगे वे 24 अक्टूबर को नरक चतुर्दशी मतलब छोटी दिवाली व बड़ी दिवाली का त्योहार मनाएंगे। दिवाली के अगले दिन यानी 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण पड़ने के कारण गोवर्धन पूजा को लेकर भी काफी असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि शुरू- 23 अक्टूबर 2022 को शाम 06 बजकर 03 मिनट से शुरू
कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी तिथि समाप्त- 24 अक्टूबर 2022 को शाम 05 बजकर 07 मिनट तक
कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि- 23 अक्टूबर 2 शाम 6 बजकर 04 मिनट से शुरू होकर 24 तारीख को शाम 5 बजकर 28 मिनट तक
कृष्ण पक्ष की अमावस्या- 24 तारीख को शाम 5 बजकर 28 मिनट से शुरू होकर 25 अक्टूबर शाम 4 बजकर 18 मिनट तक
प्रदोष व्रत पूजा- 24 अक्टूबर शाम 5 बजकर 50 मिनट से रात 8 बजकर 22 मिनट तक
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त- 24 अक्टूबर शाम 06 बजकर 53 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक
इस बार अमावस्या पर सूर्य ग्रहण की छाया रहेगी। ज्योतिषाचार्य पंडित अजय तैलंग का कहना है कि अमावस्या पर खंड सूर्य ग्रहण रहेगा। यह ग्रहण लगभग पूरे भारत में दिखाई देगा। वर्ष 2022 का दूसरा सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर दिन मंगलवार को लगेगा। यह ग्रहण दिवाली के अगले दिन लगने के कारण इसका सूतक काल बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। विभिन्न राशियों के लोगों का जीवन प्रभावित होगा।
हर वर्ष दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा या अन्नकूटा पूजा की जाती है। लेकिन इस बार 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण पड़ने के कारण 26 अक्टूबर गोवर्धन मनाया जाएगा। अन्नकूट पूजा गोवर्धन पर्वत और भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित होती है। हर साल इस दिन गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति दी जाती है। इसके साथ ही उन्हें चने की दाल और चावल का भोग लगाया जाता है।
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि प्रारंभ- 25 अक्टूबर 2022 को शाम 4 बजकर 18 मिनट कर
कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा तिथि समाप्त- 26 अक्टूबर 2022 को दोपहर 02 बजकर 42 मिनट तक
गोवर्धन पूजा मुहूर्त- सुबह 06 बजकर 33 मिनट से 26 अक्टूबर सुबह 08 बजकर 48 मिनट तक
गोवर्धन पूजा के बाद अगले दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। इसी दिन बहनें अपने भाईयों को तिलक लगाकर मिठाई खिलाती हैं। इसके साथ ही कामना करती हैं कि उसके भाई की उम्र लंबी हो और स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहे। इस बार भैया दूज 26 अक्टूबर को मनाया जा रहा है।
26 अक्टूबर दोपहर 01 बजकर 18 मिनट तक दोपहर 03 बजकर 33 मिनट तक
कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि शुरू- 26 अक्टूबर 2022 को दोपहर 02 बजकर 42 मिनट से शुरू
कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि समाप्त- 27 अक्टूबर 2022 को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक।