निर्देशक विवेक अग्निहोत्री की फिल्म द कश्मीर फाइल्स एक बार फिर चर्चा में आ गयी है। गोवा में चल रहे 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) समापन के दौरान इजरायली फिल्ममेकर नदव लैपिड के साथ केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर समेत कई बड़े नेता भी मौजूद थे। इस दौरान लैपिड ने इस फिल्म को 'प्रोपेगेंडा' और 'भद्दी' बताया है।
लैपिड के बयान देने के बाद भारत के साथ अपनी 'दोस्ती' को बिगड़ने से बचाने के लिए इजरायल भी डैमेज कंट्रोल में जुट गया है। इजरायली राजदूत नाओर गिलोन ने कहा, 'लैपिड आपको शर्म आनी चाहिए।'
गिलोन ने लैपिड के न्यूज चैनल को दिए बयान को कांउटर करते हुए आगे कहा कि ‘आपने न्यूज चैनल से ये क्यों कहा कि हम दोनों देशों में समानता है और वो ये कि हम एक जैसे दुश्मन से लड़ रहे हैं और बुरे पड़ोसी के साथ रह रहे हैं।'
द कश्मीर फाइल्स के अभिनेता अनुपम खेर ने 29 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिस दौरान इजरायल के कॉन्सल जनरल कोब्बी शोशनी कहा कि 'अपने दोस्त अनुपम खेर को फोन किया और माफी मांगी। वो एक निजी राय थी जिसके लिए मैंने माफी मांगी'।
लैपिड के बयान पर फिल्म के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री और एक्टर अनुपम खेर ने भी प्रतिक्रिया दी।अग्निहोत्री ने कहा, 'सच्चाई सबसे खतरनाक चीज है, क्योंकि ये लोगों से झूठ बुलवा सकती है.'
अनुपम खेर ने कहा 'जब जूरी हेड ने यह सब कहा, मैं वहां नहीं था, वरना मैं मंच पर चढ़कर उन्हें चुप कराता। किसी भी फिल्मकार द्वारा इस तरह का बयान देना जायज नहीं ठहराया जा सकता है।‘
इसमें गोल्डन पीकॉक कैटिगरी में कुल 15 मूवीज के बीच कॉम्पिटिशन हुआ, जिनमें 12 इंटरनेशनल और 3 भारतीय फिल्में मौजूद रहीं। जिसमें IFFI में 22 नवंबर द कश्मीर फाइल्स को दिखाया गया।
नदव लैपिड इजरायल के बड़े फिल्ममेकर है। लैपिड फिल्म फेस्टिवल में बतौर ज्यूरी हेड बनकर सम्मलित हुए थे।
लैपिड ने कहा, 'हम सभी 'द कश्मीर फाइल्स' को देखकर परेशान और हैरान है। ये प्रोपेगेंडा और भद्दी लगी, जो इस फिल्म फेस्टिवल के लिए सही नहीं थी।'
उन्होंने आगे कहा, 'मैं इस खुले मंच से अपनी फीलिंग आपके साथ साझा करके सहज महसूस कर पा रहा हूं, क्योंकि फेस्टिवल की आत्मा गंभीर बहस को निश्चित रूप से स्वीकार कर सकती है जो कला और जीवन के लिए जरूरी है।'
इजरायस के फिल्ममेकर लैपिड का बयान सामने आते ही इसकी आलोचना भी शुरू हो गई। सोशल मीडिया पर भी ये बयान वायरल हो गया। इसके बाद इजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने ट्विटर पर एक लंबी पोस्ट लिखी, जिसमें उन्होंने इस बयान के लिए भारत से माफी मांगी।
गिलोन ने लिखा, 'नदव लैपिड के लिए खुला खत। मैं इसे हिब्रू में नहीं लिख रहा हूं, क्योंकि मैं चाहता हूं कि भारतीय भाई और बहन भी मेरी बात समझें। ये खत थोड़ा लंबा है, इसलिए सबसे पहले मुद्दे की बात कह देता हूं- आपको शर्म आनी चाहिए.'
उन्होंने लिखा, 'भारतीय संस्कृति में अतिथि को भगवान माना जाता है। आपने जजों के पैनल की अध्यक्षता करने के भारतीय निमंत्रण का दुरुपयोग किया। आपने भारत के विश्वास, सम्मान और आतिथ्य सत्कार का अपमान किया।'
उन्होंने लिखा, 'अपने बर्ताव को सही ठहराने के लिए आपकी रिट्रोस्पेक्ट करने की आदत को मैं समझ सकता हूं।, लेकिन मुझे ये समझ नहीं आया कि इसके बाद आपने न्यूज चैनल से ये क्यों कहा कि हम दोनों देशों में समानता है और वो ये कि हम एक जैसे दुश्मन से लड़ रहे हैं और बुरे पड़ोसी के साथ रह रहे हैं।'
गिलोन ने लिखा कि 'मुझे फिल्मों के बारे में ज्यादा नहीं पता, लेकिन ऐतिहासिक घटनाओं का गहराई से अध्ययन किए बिना बोलना अभिमानी और असंवेदनशील है। ये भारत का खुला घाव है जो अब भी ताजा है और लोग उसकी कीमत आज भी भुगत रहे हैं।'
उन्होंने लिखा कि 'आपको मेरी एक सलाह है। जैसा कि आप पहले भी कर चुके हैं, आपको इजरायल में जो पसंद नहीं है, उसकी खुलकर आलोचना करें लेकिन दूसरे देशों पर अपनी भड़ास न निकालें। आप ये सोचकर इजरायल वापस जाएंगे कि आप 'बोल्ड' हैं और आपने खुलकर अपनी बात रखी, लेकिन हम इजरायल के प्रतिनिधि यहीं रहेंगे। आपके 'बहादुरी' भरे बयान की कीमत हमारी टीम को चुकानी होगी।'
गिलोन ने आखिर में लिखा, 'भारत और इजरायल के बीच दोस्ती बहुत मजबूत है और आपने जो नुकसान पहुंचाया है, उसे हम ठीक कर लेंगे। मुझे शर्म आती है और हम मेजबान भारत से आपके बुरे तरीके के लिए माफी मांगते हैं, क्योंकि हमने उनकी उदारता और दोस्ती का ऐसे बदला लिया।'
29 नवंबर को अनुपम खेर ने मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की। जिसमें इजरायल के कॉन्सल जनरल कोब्बी शोशनी भी मौजूद थे। शोशनी ने कहा, 'सुबह उठकर मैंने सबसे पहले अपने दोस्त अनुपम खेर को फोन किया और माफी मांगी। वो एक निजी राय थी जिसके लिए मैंने माफी मांगी। औपचारिक या अनौपचारिक रूप से इजरायल का उसमें कुछ लेना-देना नहीं है।'