
नूपुर शर्मा के मोहम्मद पैगम्बर को लेकर दिए बयान के बाद से ही विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ दिन पूर्व IS के आतंकी अजामोव माशाहोन्त को रूसी सुरक्षा एजेंसी द्वारा गिरफ्तार किया गया था।
पकड़े गए आतंकी ने खुलासा करते हुए कहा 'मैं अजामोव माशाहोन्त हूं। मेरा 1992 में जन्म हुआ है। मैंने अप्रैल 2022 में ISIS सरगना युसुफ ताजिके के सामने शपथ ली थी। फिर 2022 में तुर्की से स्पेशल ट्रेनिंग ली। इसके बाद युसुफ ताजिके के आदेश पर रूस आ गया और यहां से भारत जाना था। वहां पैगंबर मोहम्मद के अपमान का बदला लेने के लिए एक शख्स मुझे हमले के लिए जरूरी सामान देता, ताकि पैगम्बर मोहम्मद का अपमान करने वालों से बदला लिया जा सके।’
रूसी सुरक्षा एजेंसी फेडरल सिक्योरिटी सर्विस की रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तार आतंकी आजमोव उज्बेकिस्तान का नागरिक है। वह टेलीग्राम के जरिए आतंकी संगठन ISIS के संपर्क में आया था।
आजमोव माशाहोन्त को टेलीग्राम पर कट्टरता का पाठ पढ़ाया गया। आतंकियों ने चैट के जरिए उस शख्स को तुर्की आने के लिए फोन कर संगठन में शामिल होने को कहा। तुर्की में तीन महीने की कड़ी ट्रेनिंग के बाद आत्मघाती हमलावर के रूप उसको तैयार किया गया।
आतंकी आजमोव ने सुरक्षा एजेंसी को बताया है कि वह करीब तीन महीने से तुर्की में रह रहा था। उसे ISIS आतंकी यूसुफ ताजिके की मौजूदगी में संगठन में शामिल किया गया था।
आज़मोव को आईएसआईएस संगठन, आत्मघाती हमलावर की सबसे खतरनाक टीम स्लीपर सेल के रूप में भर्ती किया गया था। इसके बाद उसे सुसाइड अटैक करने के लिए तीन महीने का कठोर प्रशिक्षण दिया गया।
वह आजमोव माशाहोंट आईएसआईएस के आदेश पर रूस पहुंचा। वह रूस के रास्ते मिशन को अंजाम देने के लिए भारत आने वाला था। भारत में, वह एक भाजपा नेता पर घातक हमला करने वाला था, जिसने पैगंबर मोहम्मद का अपमान किया था।
इस ऑपरेशन में दो लोगों को उसकी मदद करनी थी। रूस में मौजूद शख्स उसे वीजा, पासपोर्ट समेत जरूरी दस्तावेज देगा और भारत में मौजूद शख्स उसे जरूरी हथियार। हालांकि इससे पहले उसे रूसी सुरक्षा एजेंसियों ने पकड़ लिया था।
नवंबर 2021 में भारत और रूस के बीच एक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। समझौते पर रूसी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार निकोलाई पेत्रुशेव और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच हस्ताक्षर किए गए थे। इसमें दोनों देशों के बीच सुरक्षा को लेकर जानकारी साझा करने और एक दूसरे का समर्थन करने की बात हुई थी।
27 जुलाई को आतंकवाद निरोधी एजेंसी को रूसी एजेंसी FSB से ISIS के एक आतंकवादी की गिरफ्तारी की सूचना मिली थी। उसके बाद सुरक्षा एजेंसियों ने देश में 35 जगहों पर छापेमारी कर संदिग्धों को हिरासत में लिया है।
इस मामले में अब एजेंसी विदेशों में भारतीय हितों को नुकसान पहुंचाने की साजिश रचने के आरोप में जांच कर सकती है। एनआईए और आईबी जैसी जांच एजेंसियां आतंकी से पूछताछ के लिए रूस जा सकती हैं। इसका मुख्य कारण इन 3 सवालों के जवाब जानने की कोशिश करना है।
ये सवाल निम्न हैं-
आजमोव माशाहोंट को भारत आने के लिए कौन वीजा देने वाला था?
भारत में वह किसके संपर्क में था, उसे किसने हथियार दिए होंगे?
क्या देश में ISIS के स्लीपर सेल सक्रिय है?