चीन में कोरोना ने अपने पैर पसार लिए है। इसी बीच एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। चीन देश में रह रहे युवा खुद से कोरोना से संक्रमित होना चाहते है। बुजुर्गों में वायरस का खतरा ज्यादा है, जबकि युवाओं में इम्युनिटी पावर अधिक होने की वजह से लड़ने में सक्षम है।
चीन की विवादास्पद जीरो कोविड पॉलिसी में ढील के चलते वहां के युवा बीमारी से लड़ने के लिए तैयार हो रहे है जिससे वह चाहते है कि उन्हें कोरोना हो। अब तो चीन में अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए सीमाएं भी खोल दी गई हैं। जिससे युवा खुश हैं।
मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक युवाओं का मानना है कि कोरोना से संक्रमित होने से उनके शरीर में एंटीबॉडीज बनेंगी। जिससे वह इस वायरस से लड़ने में सक्षम होंगे। युवा खुद वे खुद को इस उम्मीद से कोरोना वायरस से संक्रमित कर रहे हैं। ताकि उनमें कोरोना प्रतिरोधक क्षमता आ जाए।
चीन के लोग जीरो कोविड पॉलिसी के विरोध में थे क्योंकि यह अधिक प्रतिबंध लगाता था, जिस वजह से लोगों की कोरोना प्रतिरोधक क्षमता एकदम कमजोर बन गई थी।
चीन में कोविड लहर के बीच लोगों को उनकी आजादी वापस मिल रही है, इसलिए देश के युवा खुश हैं और वे अपनी खुशी के लिए कोरोना का जोखिम उठाने को तैयार है। रिपोर्ट के मुताबिक कई ऐसे लोग है जिन्होंने की कोरोना वैक्सीन नहीं ली है, फिर भी वे अपना जीवन जीने के लिए छुट्टियों में सफर करने को तैयार है।
बीजिंग के शख्स ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि चीन सरकार ने दो साल तक सही काम किया, लेकिन उसके बाद जीरो कोविड पॉलिसी को खत्म कर देना चाहिए था।