आजकल देश में लगातार फंगल डिजीज केस में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। भारत में 5.72 करोड़ को सीरियस फंगल डिजीज बतायी जा रही है। ब्रिटेन की मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने इस पर दिल्ली एम्स, पश्चिम बंगाल के कल्याणी एम्स और चंडीगढ़ के PGIMER के साथ स्टडी की है।
स्टडी में रिसर्चर्स ने पाया कि देश में प्रत्येक वर्ष टीबी से बीमार होने वाले लोगों से 10 गुना ज्यादा लोग फंगल इन्फेक्शन से बीमार होते है।
आखिर फंगल इन्फेक्शन है क्या? कैसे स्किन, लंग्स, दिमाग, आंख और यूट्रस को नुकसान पहुंचाता है?
एक्सपर्ट ने बताया कि फंगल डिजीज माइक्रोऑर्गेनिज्म है जो मशरूम, यीस्ट और मोल्ड के रूप में हमारे आसपास मौजूद होता है। जैसे बैक्टीरिया और वायरस से कुछ बीमारियां होती है, वैसे ही फंगस भी कुछ बीमारियों की वजह से होता है। इसी बीमारी को फंगल डिजीज कहा जाता है।
एक्सपर्ट का कहना है कि सबसे कॉमन चार फंगल डिजीज होते है।
टीनिया कोर्पोरिस
टीनिया पेडिस
टीनिया क्रूरिस
टीनिया अनग्युअम
टीनिया कोर्पोरिस- इसे रिंगवर्म भी कहा जाता है। इस डिजीज के चलते व्यक्ति के शरीर पर एक गोलाकार रैश हो जाता है। जिसमें खुजली चलती है और अगर डॉक्टर की सलाह से एलाज न किया जाए तो यह और फैल जाता है।
टीनिया पेडिस- इसे एथलीट फुट कहा जाता है। इस डिजीज में पैर की अंगुलियों पर असर पड़ता है। इस समस्या से ज्यादातर पुरुष परेशान होते है।
टीनिया क्रूरिस- यह इन्फेक्शन जोक इच के नाम से भी जाना जाता है। इसके भी ज्यादातर शिकार पुरूष ही होते है। ये शरीर के उन हिस्सों में फैलता है, जहां पसीना अधिक आता है।
टीनिया अनग्युअम- इस डिजीज को ओन्कोमायकोसिस कहा जाता है। यह शुरुआती दौर में नाखून के टिप में होता है। दिन-प्रतिदिन इन्फेक्शन बढ़ता है वैसे-वैसे नाखून का रंग बदरंग होने लग जाते है।
इससे कैसे बचे?
इम्यूनिटी मजबूत करने पर ध्यान दें।
नट्स जैसे अखरोट डाइट में शामिल करें।
रेगुलर एक्सरसाइज जरूर करें।
लाइफस्टाइल बेहतर करने पर ध्यान दें।
साइनस का इन्फेक्शन है और नाक से खून आने लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
अगर फंगल इन्फेक्शन हो गया है तो शुरू में ही डॉक्टर को दिखा लें।
बिना डॉक्टर को कंसल्ट करे ओवर द काउंटर यानी अपनी मर्जी से दवाइयां लेकर इलाज न करें। इससे इन्फेक्शन बढ़ जाता है।
घरेलू नुस्खों पर निर्भर न रहें।
डायबिटीज को कंट्रोल में रखिए। डायबिटीज के पेशेंट को कोई इंजरी हुई है तो उसका खास ख्याल रखें। वह ठीक नहीं हुई तो फंगल इन्फेक्शन हो सकता है।