स्वास्थ्य मंत्री ने दिया ये जवाब : देश में कोरोना वायरस संक्रमण इन दिनों बेहद तेजी से फैल रहा है।
दिनोंदिन रिकॉर्ड संख्या में कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं।
इसके साथ ही बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हो रही है।
इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी देश में खराब हो रहे कोरोना महामारी के हालात पर चिंता जाहिर की है।
इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा।
उन्होंने पत्र के जरिए पीएम मोदी से कोरोना से निपटने के लिए देश में टीकाकरण बढ़ाने की जरूरत है।
अब इसके एक दिन बाद सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने मनमोहन की चिट्ठी पर जवाब दिया है।
हर्षवर्धन ने कहा कि मनमोहन सिंह ये मानते हैं कि वायरस से लड़ाई में सबसे अहम हथियार वैक्सीन है,
लेकिन ये बात चौंकाती है कि उनकी पार्टी कांग्रेस के नेता ही इसके असर पर सवाल उठाते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने दिया ये जवाब : डॉ. हर्षवर्धन ने लिखा, 'कोरोना के खिलाफ लड़ाई में रचनात्मक सहयोग को लेकर आपने जो चिट्ठी प्रधानमंत्री को लिखी, उसे मैंने पढ़ा।
आपने कोरोना से लड़ाई में वैक्सीनेशन ड्राइव पर जोर दिया, जिसे हम मानते हैं।
इसीलिए हमने दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू किया और 10 करोड़, 11 करोड़ और 12 करोड़ वैक्सीन लगाने जैसे मुकाम हासिल किए।'
हर्षवर्धन ने कहा, 'ये बहुत दुख पहुंचाने वाली बात है कि आप ये मानते हैं कि वैक्सीन कोरोना से लड़ाई में बहुत अहम है,
लेकिन आपकी पार्टी में जिम्मेदार पदों पर बैठे लोग ही आपकी राय से सहमत नहीं दिखाई देते हैं।
क्या ये भारत के लिए गर्व का विषय नहीं है कि वो अकेला देश ने जिसने 2 वैक्सीन बना ली हैं? ये चौंकाने वाला है कि आपकी पार्टी के एक भी सदस्य ने इन हालात में वैक्सीन बनाने वाले वैज्ञानिकों और मैन्युफैक्चरर्स के सम्मान में एक भी शब्द नहीं कहा।'
पीएम मोदी को लिखे पत्र में डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा है कि सरकार को यह सार्वजनिक करना चाहिए
कि उसकी ओर से किस वैक्सीन निर्माता कंपनी को अगले 6 महीनों के लिए कितने वैक्सीन डोज के ऑर्डर दिए गए हैं।
उनका कहना है कि अगर हम इस 6 महीने के समय में तय संख्या में लोगों को टीका लगाएंगे तो हमें इसके लिए डोज के पर्याप्त ऑर्डर देने की आवश्यकता है। ताकि समय पर ये हमें उपलब्ध हो सकें।
मनमोहन सिंह ने यह भी सुझाव दिया है कि सरकार को यह भी जाहिर करना चाहिए
कि कोरोना की इन वैक्सीन की डोज को किस तरह पारदर्शी तरीके से राज्यों को वितरित किया जाएगा।
मनमोहन सिंह ने कहा है कि हमें कितने लोगों का टीकाकरण किया गया इस तरफ देखने के बजाए कितनी फीसदी आबादी का टीकाकरण किया गया, इस पर ध्यान देना चाहिए।
देश में अभी वैक्सीन सप्लाई सीमित है। ऐसे में विश्व की कोई भी विश्वसनीय अथॉरिटी की ओर से अगर किसी वैक्सीन को हरी झंडी दी जाती है तो हमें भी उसे आयात करना चाहिए। हम ऐसा भारत में बिना उसके ट्रायल के कर सकते हैं। इस समय भारत में आपातकाल है। इमरजेंसी में उसके इस्तेमाल के समय ही देश में साथ ही साथ उसका ट्रायल भी किया जा सकता है।