सोशल मीडिया पर एक बार फिर से हिंदू समाज का गुस्सा फूटता नजर आ रहा है। इसका कारण हिन्दू देवी देवताओं की अश्लील फोटो को बेच कर हिंदुओं का भावनाओं को ठेस पहुचाना है। कृष्ण जन्माष्टमी पर राध-कृष्ण भगवान की अश्लील फोटो बेचने पर लोगों ने अमेजॉन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जिसके बाद ट्वीटर पर अमेजॉन को बायकॉट करने के हजारों हैशटैग किए गए।
सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर #Boycott_Amazon ट्रेंड कर रहा है। कई यूजर्स ई-कॉमर्स वेबसाइट पर राधा और कृष्ण की एक पेंटिंग को निशाना बना रहे हैं। इस मामले को लेकर हिंदू जनजागृति समिति ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। हिंदू संगठन के सदस्यों ने बेंगलुरु के सुब्रमण्य नगर पुलिस स्टेशन को ज्ञापन सौंपा और अमेजन के खिलाफ कार्रवाई की अपील की।
संगठन का कहना है कि जन्माष्टमी सेल के तहत एक्सोटिक इंडिया ने भी वही पेंटिंग अपनी वेबसाइट पर बेची थी, जिस पर विरोध दर्ज कराया गया था। बाद के एक ट्वीट में, संगठन ने कहा कि Amazon और Exotic India दोनों ने अपनी वेबसाइटों से पेंटिंग को हटा दिया है। हालांकि यह पर्याप्त नहीं है। Amazon और Exotic India दोनों को बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए। साथ ही हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम फिर कभी हिंदुओं की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाएंगे।
अभी तक इस विवाद पर Amazon की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। मालूम हो कि इससे पहले भी अमेजन पर कई बार देश में हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लग चुका है. इसके खिलाफ 2019 में मामला दर्ज किया गया था, जिसमें यह अमेरिकी वेबसाइट हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरों वाले कालीन और टॉयलेट सीट कवर बेच रही थी। वहीं, पिछले साल कर्नाटक के झंडे और प्रतीक के रंगों में बिकनी बेचने के लिए कनाडाई साइट की आलोचना की गई थी।
2019 में अमेजॉन ने फुटमैट और टॉयलेट सीट पर हिन्दू भगवानों की तस्वीर लगाकर सेल कर चुका है। आपको जानकर हैरानी होगी कि अमेजॉन ने हिन्दू देवी देवताओं की तस्वीर को चप्पलों पर प्रिंट कर दी थी। उस समय भी सोशल मीडिया पर काफी हंगामा हुआ था। लेकिन अमेजॉन की बार बार इस तरह की हरकत करता हिन्दुओं के खिलाफ किसी साजिश की तरफ इशारा करता दिखाई दे रहा है। क्यों एक गलती को बार-बार दोहराकर हिन्दू समाज की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
हिंदू जनजागृति नेता ने ट्वीट किया, 'अमेजन भारत के राष्ट्रीय और धार्मिक प्रतीकों और देवताओं का अनादर करता रहता है! अब यह जरूरी हो गया है कि भारत यह सुनिश्चित करने के लिए आक्रामक रुख अपनाए कि अमेज़न दोबारा ऐसी गतिविधियों में शामिल न हो!'