'हदीस' की शिक्षा देकर असम में अशांति फैलाने की कोशिश, 8 मौलानाओं सहित 12 हिरासत में

असम पुलिस की आतंकी मॉड्यूल पर बड़ी कार्रवाई । कार्रवाई करते हुए संदिग्ध जिहादी को किया गया गिरफ्तार । 12 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी
'हदीस' की शिक्षा देकर असम में अशांति फैलाने की कोशिश, 8 मौलानाओं सहित 12 हिरासत में

असम पुलिस ने आतंक के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है । जानकारी के मुताबिक असम के एक मदरसे में जिहादी गतिविधियां की जा रही थीं । कथित तौर पर राज्य में एक बड़े हमले की योजना बना रहा था । इसकी जानकारी असम पुलिस को खुफिया एजेंसी से मिली थी। जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए संदिग्ध जिहादी को गिरफ्तार कर लिया। उसकी पहचान मुफ्ती मुस्तफा के रूप में हुई है।

मोरीगांव पुलिस ने 27 जुलाई बुधवार की रात मोइराबारी में मदरसे और अन्य आवासों पर तलाशी अभियान चलाने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया। मदरसे को भी पुलिस ने सील कर दिया है।

मुफ्ती मुस्तफा है आतंकी मॉड्यूल का मास्टरमाइंड

मुफ्ती मुस्तफा को आतंकी मॉड्यूल का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है. वह 2018 से मोइराबारी में जामी-उल-हुदा मदरसा चलाता है। पुलिस ने मुफ्ती मुस्तफा के कब्जे से मोबाइल फोन, बैंक पासबुक और अन्य सामग्री के साथ कई आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किए हैं। इसके साथ ही पुलिस ने मदरसे के 8 मौलवियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है । बताया जा रहा है कि अंसरुल्ला उसे बांग्लादेश से फंडिंग कर रहा था। इसके अलावा मदरसे को और भी कई देशों से फंडिंग मिल रही थी।

मुस्तफा के आवास और मदरसे में दो घंटे तक तलाशी

वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि मुस्तफा को क्यों गिरफ्तार किया गया है, इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है । पुलिस के साथ अन्य अधिकारियों ने मुस्तफा के आवास और मदरसे में कम से कम दो घंटे तक तलाशी अभियान चलाया। मुस्तफा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

'हदीस' की शिक्षा देकर युवाओं को भड़काने की कोशिश

फिलहाल पुलिस घटना के संबंध में आगे की जांच कर रही है। इस बीच, इस मामले पर बोलते हुए, असम के डीजीपी भास्कर ज्योति महंत ने कहा, “आतंकवादी संगठन धीरे-धीरे असम को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। वे बांग्लादेश के रास्ते राज्य में प्रवेश कर रहे हैं। वे 'हदीस' की शिक्षा देकर राज्य के मुस्लिम युवाओं को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।"

‘मदरसा’ शब्द को ही खत्म करने पक्ष में है मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा

गौरतलब है कि हाल ही में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने ‘मदरसा’ शब्द को ही खत्म करने पक्ष में है । उनका कहना था कि मदरसे में बच्चों का प्रवेश मानवाधिकारों का उल्लंघन है । मदरसों को मानवता का दुश्मन बताते हुए सीएम सरमा ने कहा कि मदरसा शब्द विलुप्त हो जाना चाहिए। जब तक मदरसा दिमाग में रहेगा तब तक बच्चा कभी डॉक्टर या इंजीनियर नहीं बन पाएगा। अगर बच्चों को ये बातें सिखाई जाएं तो बच्चों को खुद मदरसे में नहीं जाना चाहिए।

इससे पहले एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा था कि करीब 700 मदरसों को बंद कर दिया गया है, बाकी को नर्सिंग स्कूल और मेडिकल-इंजीनियरिंग कॉलेज में बदलने की मंशा है. वे चाहते हैं कि मेरे मुस्लिम भाई मदरसों में न जाएं और इसके बजाय लोग डॉक्टर और इंजीनियर बनें, समाज को रोशन करें।

Related Stories

No stories found.
logo
Since independence
hindi.sinceindependence.com