मोहन भागवत का बड़ा बयान- 'धर्म परिवर्तन से देश में बढ़ रही फूट'

मोहन भागवत का बड़ा बयान- 'धर्म परिवर्तन से देश में बढ़ रही फूट'

आरएसएस सर संघचालक मोहन भागवत ने अलगाववाद को लेकर बडा बयान देते हुए कहा कि धर्म परिवर्तन, व्यक्तियों को उनकी जड़ों से अलग कर देता है।
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने धर्म परिवर्तन रोकने पर जोर देते हुए भागवत ने चित्रदुर्ग के श्री शिवशरण मदारचन्नैयाह गुरुपीठ में एक कार्यक्रम के दौरान दलित और पिछड़ा वर्ग समुदायों के संतों को संबोधित किया।

'धर्म हर जगह व्याप्त हो'- भागवत

भागवत ने कहा कि ‘यदि हम चाहते हैं कि भारत, भारत के रूप में बना रहे, तो हमें वह होना चाहिए, जो सांस्कृतिक रूप से हैं। नहीं तो भारत, भारत नहीं रहेगा। हमें सुनिश्चित करना होगा, धर्म हर जगह व्याप्त हो।’

‘कई सदियों से हमारे दिमाग में मौजूद इस समस्या को हल करने में समय लग सकता है। इस मुद्दे का समाधान खोजने की जरूरत है।
‘कई सदियों से हमारे दिमाग में मौजूद इस समस्या को हल करने में समय लग सकता है। इस मुद्दे का समाधान खोजने की जरूरत है।

'हिन्दू समाज में जो समस्याएं वह मन में है, शास्त्रों में नहीं'- भागवत

भागवत ने कहा कि हिन्दू समाज में जो समस्याएं हैं, वे अस्पृश्यता और असमानता हैं। ये केवल मन में विद्यमान हैं, शास्त्रों में नहीं। उन्होंने कहा,

‘कई सदियों से हमारे दिमाग में मौजूद इस समस्या को हल करने में समय लग सकता है। इस मुद्दे का समाधान खोजने की जरूरत है। यह निश्चित रूप से एक दिन होगा। हम इस पर काम कर रहे हैं। तब तक धैर्य रखना चाहिए।’

मोहन भागवत, संघ सरंसचालक

भारतीय संस्कृति की शिक्षा पर अधिक ध्यान दें आरएसएस प्रमुख भागवत ने शिक्षण के आधुनिक तरीके को लेकर कहा कि बड़ों और महिलाओं के साथ सम्मानजनक व्यवहार जैसी भारतीय संस्कृति की शिक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है । उन्होंने कहा, शिक्षण का आधुनिक तरीका शिक्षा तो प्रदान करता है, लेकिन संस्कृति से दूर भी करता है।

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