एटीएस और एनआईए की प्रथम जांच में सामने आया कि इन आंतकियों का मकसद प्रत्येक उस नागरिक को मारना था, जिन्होंने नुपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट किया। पाकिस्तानी संगठन दावत-ए-इस्लामी व आंतकियों के इशारे पर नुपुर शर्मा का समर्थन करने वाले राजस्थान के 40 लोगों के सिर धड़ से अलग करने के आदेश मिले थे।
6 जिलों के लोगों को दिया था सिर कलम करने का लक्ष्य
एनआईए ने साफ किया कि ये आंतकी एक साल से आंतकी संगठन से जुडे हुए थे। इस संगठन से जुडे आंतकियों ने समर्थन करने वालो का सिर कलम करने के लिए 6 जिलों के लोगों को लक्ष्य दिया था। ये तथ्य एनआईए ने आंतकी रियाज अत्तारी व गौस मोहम्मद की कॉल डिटेल में मिले पाकिस्तान के 10 लोगों के 20 मोबाइल नंबर की जांच में पाया। एनआईए ने मोबाइल नंबर के आधार पर जांच शुरू कर दी है।
सिर कलम कर के ऑडियो व वीडियो वायरल करने को कहा
यहां तक किआंतकी संगठन ने इन लोगों को सिर कलम कर के वॉटस एप पर ऑडियो व वीडियो वायरल करने को कहा था। आंतकी घटनाओं को अंजाम देने के लिए टारगेट दिया गया और कहा गया तालिबान की तर्ज पर सिर धड़ से अलग कर वीडियो वायरल करें।
उदयपुर हत्याकांड के आरोपी का बीजेपी कनेक्शन- गहलोत
उदयपुर में कन्हैया के हत्यारों को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने बीजेपी पर गंभीर आरोप मढ़ते हुए कहा कि जब कन्हैया लाल के हत्यारों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, तो उसे छुड़ाने के लिए बीजेपी नेताओं ने बहुत सिफारिश की थी।
गहलोत ने उदयपुर हत्याकांड के आरोपी का बीजेपी कनेक्शन बताते हुए कहा कि कन्हैयालाल की हत्या से पहले उदयपुर पुलिस ने रियाज को मकान मालिक के साथ झगड़े के मामले में पकड़ा था। गहलोत ने कहा कि बीजेपी नेताओं ने पुलिस से कहा कि रियाज को तंग ना करें, वो हमारा कार्यकर्ता है।
जबकि 11 जून को कन्हैयालाल के खिलाफ एक रिपोर्ट दर्ज की गई थी। आरोप था कि कन्हैयालाल ने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ की गई टिप्पणी को प्रचारित किया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कन्हैयालाल को गिरफ्तार किया था। 11 जून को ही उन्हें कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
मुझे जान से मारने की धमकियां मिल रही है- कन्हैयालाल
बेल पर बाहर आने के बाद 15 जून को कन्हैयालाल ने लिखित शिकायत की थी। उन्होंने कहा था कि मुझे जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं, मुझे सुरक्षा दी जाए। लेकिन गहलोत सरकार की पुलिस ने सुरक्षा प्रदान नहीं की। पुलिस ने दोनों तरफ के 5-5 लोगों के साथ बैठकर समझौता करवा दिया। 17 जून को कन्हैयालाल ने लिखित समझौता कर लिया था।
इससे पूर्व एनआइए ने बताया था कि उदयपुर हत्याकांड के आरोपी रियाज और गौस पाकिस्तान से जिहाद की ट्रैनिंग लेकर आए थे। उनके संबंध पाकिस्तान के दावत-ए-इस्लामी संगठन से भी थे।
कॉल डिटेल में हुआ खुलासा
इस बात का खुलासा दोनों आरोपियों की कॉल डिटेल से हुआ था । दोनों की पाक के 18 नंबरों पर लंबी बात होती थी। सबसे चौकाने वाली बात ये है की ये नंबर दावत-ए-इस्लामी से जुड़े लोगों के हैं।
ATS ने किया केंद्रीय एजेंसियों को सतर्क
इंटेलिजेंस ब्यूरो से जुड़े सूत्रों के अनुसार एटीएस ने इस मामले की तह तक जाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों को पत्र लिखा है। कॉल डिटेल का एनालिसिस भी भेजा है। आईबी ने इनमें से ज्यादातर को ट्रेस किया है। एनआईए जांच रही है कि इन लोगों की देश में उदयपुर जैसे हमले सिलसिलेवार करने की साजिश तो नहीं थी?
जांच में इसके पुख्ता संकेत मिले हैं कि ये देश में कई जगह इस तरह की आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में थे। आईबी-एनआईए ने उन 25 राज्यों को भी चौकन्ना किया है, जहां के ये 300 लोग हैं। इनमें 250 यूपी, महाराष्ट्र, राजस्थान, बंगाल, एमपी, बिहार, गुजरात व केरल के हैं।
क्या है दावत-ए-इस्लामी संगठन
दावत ए इस्लामी एक सुन्नी संगठन है। इसका गठन पाकिस्तान के कराची में मौलाना इलियास अत्तारी ने 1981 में किया था। वर्तमान में इस संगठन का नेटवर्क 194 देशों में फैला हुआ है। पैगम्बर मोहम्मद के संदेशों का प्रचार और प्रसार करना इस संगठन का मुख्य काम है। इसी से जुड़े नंबरों से देश के 25 राज्यों के 300 लोग लगातार संपर्क में हैं।