संसद में केंद्रीय बजट 2022-23 पेश करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमृत काल के दौरान ऊर्जा परिवर्तन एवं जलवायु परिवर्तन पर ठोस कदम उठाने को बढ़ावा देने पर जोर दिया और इसे आगे बढ़ाने के लिए देश की महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं में से एक के रूप में रखा।
जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए कदम
केंद्रीय वित्त मंत्री ने संसद को संबोधित किया फिर कहा, “जलवायु परिवर्तन के जोखिम भारत और अन्य देशों को प्रभावित करने वाली सबसे मजबूत नकारात्मक पहलू हैं।” उन्होंने सतत विकास के प्रति हमारी सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता के एक महत्वपूर्ण प्रतिबिंब के रूप में प्रधानमंत्री द्वारा घोषित निम्न कार्बन विकास रणनीति को फिर से दोहराया। यह रणनीति रोजगार के बड़े अवसर खोलती है और बजट इस संबंध में कई निकट-अवधि और दीर्घकालिक कार्यों का प्रस्ताव करता है।
पर्यावरण विशेषज्ञ कर रहे जमकर तारीफ
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार पर्यावरण विशेषज्ञों ने हरित बुनियादी ढांचे के लिए संसाधन जुटाने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए बदली ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के वास्ते 2022-23 के केंद्रीय बजट में हरित बॉन्ड (सॉवरेन ग्रीन बॉन्ड) जारी करने के सरकार के प्रस्ताव की प्रशंसा की है। इस संबंध में विशेषज्ञों ने कहा है कि इस पहल से भारत में कार्बन उत्सर्जन में कटौती में मदद मिलेगी।
विशेषज्ञों ने मंगलवार को जारी बजट में सतत शहरी नियोजन और जन परिवहन पर ध्यान केंद्रित किए जाने को लेकर भी सरकार की काफी सराहना की। उन्होंने कहा है कि शहरी योजनाकर्ताओं, अर्थशास्त्रियों और क्षमता निर्माण के लिए संस्थान स्थापित करने का प्रस्ताव वाकयी स्वागत योग्य कदम है। गौरतलब हो, भारत अब उन चुनिंदा देशों, खासकर यूरोपीय देशों के समूह में शामिल हो जाएगा, जिन्होंने इस तरह के बॉन्ड जारी किए हैं।
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