CDS विपिन रावत की आज एक हेलीकाप्टर दुर्घटना में दुखद निधन हो गया। शुरूआती खबरों में उनके गंभीर रूप से घायल होने की खबरें आयी थी। जानकारी के अनुसार गंभीर हालत में अस्पताल में इलाज के दौरान उन्हें बचाया नहीं जा सका। अपने 41 साल के सैन्य करियर में उन्होने देश के लिए अभूतपूर्व सेवा दी , अपनी कुशल रणनीति के साथ बेहतरीन सैन्य अफसर के तौर पर उन्होंने भारतीय सेना को अपनी सेवा दी।
विपिन रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को उत्तराखंड में हुआ था। इनके पिता का नाम लेफ्टिनेंट जनरल लक्ष्मण सिंह रावत था। जिन्होंने भारतीय सेना में अपनी सेवा दी थी।
शहीद विपिन रावत दिसंबर 1978 में सेना के ऐतिहासिक गोरखा राइफल्स के ११वी बटालियन में शामिल हुए। इस दौरान इनकी पहली पोस्टिंग मिजोरम में की गयी थी। इस दौरान इन्होने अपने कुशल नेतृत्व क्षमता के साथ कई बड़ी लड़ाइयों और कॉम्बैट अभियानों में अभूतपूर्व कार्य किया। जिसके परिणाम स्वरुप उन्हें युद्ध शैली के रक्षात्मक और आक्रामक नीतियों के निर्माण का लम्बा अनुभव हासिल हुआ।
इनके कुशल नेतृत्व की वजह से इनके बटालियन को उत्तर पूर्वी क्षेत्र का सर्वश्रेष्ठ बटालियन चुना गया।
सेना में सेवा के दौरान उन्होंने कई बटालियन के नेतृत्व में अहम् योगदान दिया। इस दौरान इन्होने इंफ्रैंट्री बटालियन में कार्यरत रहने के दौरान लाइन ऑफ एक्चुअल कन्ट्रोल की सीमा पर सेवाएं दी।
कश्मीर के सुरक्षा ढांचे को लेकर काफी वक्त तक किया काम , 19 इन्फेंट्री डिवीज़न के साथ घाटी में उस दौरान हुए कई आतंक विरोधी ऑपरेशन्स को कमांड किया।
विपिन रावत ने कांगो लोकतान्त्रिक गणराज्य में एक मिशन के दौरान कई देशों के सेना के संयुक्त सहयोग से बनी ब्रिगेड की कमान भी संभाली।
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