चीन में जीरो कोविड नीति में ढील देने के बाद एक बार फिर से कोविड के मामलों में तेजी आ गई हैं। बीजिंग, चीन में बुखार कम करने वाली दवाओं की मांग में वृद्धि देखी गई है। कई लोग दवा खरीदने के लिए कतार में खड़े हैं।
चीन के सर्च इंजन Baidu के मुताबिक, देश में बुखार कम करने वाली दवा इबुप्रोफेन की खोज में पिछले एक हफ्ते में 430 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है।
चीन में कोविड की वजह से बिगड़ते हालात को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि चीन में कोविड का कोई नया वैरिएंट आ गया है। क्योंकि किसी भी देश में कोविड के बढ़ते मामलों के पीछे की वजह कोविड का नया वैरिएंट माना जाता है। इस बारे में विशेषज्ञ क्या कहते हैं आइए जानते हैं।
सफदरजंग अस्पताल के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के एचओडी प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर के अनुसार फिलहाल चीन में कोविड के मामले बढ़ने की वजह ओमिक्रोन के अलग-अलग सब-वेरिएंट हो सकते हैं।
क्योंकि जब भारत में ओमिक्रॉन फैल रहा था, उस दौरान चीन में कोविड को लेकर स्थिति सामान्य थी। ऐसे में हो सकता है कि चीन में वायरस के खिलाफ लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो रही हो, जिससे लोग ओमिक्रोन के शिकार हो रहे हैं।
डॉ. किशोर का कहना है कि इस बात की भी संभावना है कि चीन में कोविड वायरस में म्यूटेशन के कारण कोई नया सब-वैरिएंट आया हो, लेकिन अभी तक किसी भी रिपोर्ट में इस बात की जानकारी नहीं दी गई है लेकिन नए वेरिएंट की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
चीन में इस समय कोविड के काफी मामले आ रहे हैं। जाहिर है बुजुर्ग और दूसरी गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोग भी इस वायरस की चपेट में आ रहे हैं। इन लोगों में वायरस का असर गंभीर होता है। यही वजह है कि चीन में अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है।
क्योंकि यह ओमिक्रॉन हो या कोई अन्य वैरिएंट, यह जोखिम वाले समूह के लिए हमेशा खतरनाक होता है। अगर चीन में कोविड के नए मामले इसी तरह बढ़ते रहे तो आने वाले दिनों में अस्पताल में भर्ती होने और मौतों के मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है।
ओमिक्रॉन वैरिएंट के कई सब-वेरिएंट अभी भी भारत में मौजूद हैं, लेकिन देश में इस वैरिएंट के लक्षण सामान्य फ्लू जैसे ही हैं। भारत में चीन की हरकतों का कोई खास असर नहीं होगा। भारत में खतरा तभी हो सकता है, जब यहां कोरोना का कोई नया वैरिएंट आए जो बेहद संक्रामक हो और तेजी से फैलने वाला लगता हो। चूंकि कोरोना के लक्षण आम फ्लू जैसे ही हैं। ऐसे में लोग अब इसका टेस्ट भी नहीं करवा रहे हैं। इस वजह से कोविड के मामलों में लगातार कमी आ रही है।