मेवात में भरतपुर सांसद रंजीता कोली पर जानलेवा हमला,राजस्थान में खनन माफिया फिर बेलगाम

राजस्थान में अवैध खनन: भरतपुर से बीजेपी सांसद रंजीता कोली पर हुआ जानलेवा हमला, रविवार देर रात करीब 11:30 बजे की है घटना, सरकार की प्रभावी कार्रवाई न होने से लगातार बढ़ रहे खनन के मामले, मेवात इलाके में सांसद पर किया गया हमला
मेवात में भरतपुर सांसद रंजीता कोली पर जानलेवा हमला,राजस्थान में खनन माफिया फिर बेलगाम
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राजस्थान में अवैध खनन: राजस्थान में खनन को लेकर चल रही खींचतान में सरकार की प्रभावी कार्रवाई करने का नतीजा अब जनप्रतिनिधियों को भुगतना पड़ रहा है। भरतपुर सांसद रंजीता कोली पर खनन माफियाओं ने जानलेवा हमला किया है। घटना रविवार देर रात करीब 11:30 बजे की है।

बताया जा रहा है कि खनन माफिया के वाहनों को रोकने की कोशिश करने पर अवैध माफिया ने सांसद पर हमला कर दिया और उनकी गाड़ी पर पथराव कर दिया।

घटना कामां इलाके की है, जहां पर मेवातियों का जोर है और कुछ ही दिन पहले संतो ने आंदोलन कर खनन बंद करने की मांग उठाई थी जिसमें एक संत ने आत्मदाह तक कर लिया था। लेकिन बावजूद इसके सरकार ने कोरा आश्वासन दिया और खनन ज्यों का त्यों चल रहा है।

मेवात में सांसद तक सुरक्षित नहीं

जानकारी के अनुसार सांसद रंजीता कोली दिल्ली से बयाना जा रही थीं, तभी उन्होंने धिलावती सीमा के पास अवैध खनन में शामिल वाहनों को देखा। उन्होंने खनन माफिया को रोकने की कोशिश की तो माफिया ने उन पर हमला कर दिया और उनकी कार पर पथराव कर दिया।

आपको बता दें कि धिलावती गांव भरतपुर के कामां इलाके में आता है। जो कि मेवातियों का इलाका है। कामां, पहाड़ी, डीग इन सब जगहों पर मेवाती पिछले कई सालों से दबंगई से खनन कर रहे हैं। इन्हें ना तो प्रशासन का खौफ है और न ही पुलिस का डर।

एक सच तो ये भी है कि खुद प्रशासन इस इलाके में कार्रवाई करने से खौफ खाता है। इसी का उदाहरण है रंजीता कोली के सूचना देने के दो घंटे बाद भी पुलिस मौके पर नहीं पहुंची।

मेवाती इस इलाके में पिछले 2 दशक से भगवान श्री कृष्ण की लीला स्थलियों को नष्ट करने में लगे हुए हैं और प्रशासन मूकदर्शक बना बैठा है।

मेवातियों की दबंगई का आलम ये है कि सांसद तक इस इलाके में सुरक्षित नहीं है। जनप्रतिनिधि ने खनन माफिया को रोकना चाहा तो दबंगो ने रंजीता कोली पर ही हमला कर दिया।

संतो ने भी किया था खनन के खिलाफ आंदोलन

मेवात इलाके में ही खनन को रोकने के लिए बृज के साधु संत पिछले 550 दिन से पसोपा धाम में आदोलन कर रहे थे। जिसके दौरान बाबा विजयदास ने आत्मदाह कर अपनी जान दे दी थी। प्रशासन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल रूपेण आश्वासन दिया कि 15 दिन के अंदर खनन क्षेत्र को संरक्षित वन क्षेत्र घोषित कर दिया जाएगा लेकिन ये सिर्फ आश्वासन बन कर रह गया। खनन की गति रूकना तो दूर ब्रेक तक नहीं लगा है।

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सांसद रंजीता ने दिया धरना

सांसद का दावा है कि उन्होंने पहले पुलिस अधीक्षक को अवैध खनन की जानकारी दी थी लेकिन उन्होंने कहा कि यह खनन का मामला है। यह उनकी जिम्मेदारी नहीं है।

सांसद पर हमले की खबर मिलते ही उनके समर्थकों और कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोश फैल गया।हमले के विरोध में सांसद कोली धरने पर बैठ गए।

देर रात जिला कलेक्टर आलोक रंजन और पुलिस अधीक्षक श्याम सिंह मौके पर पहुंचे। सांसद रंजीता कोली से बात कर उन्होंने पूरे मामले की जानकारी ली।

भाजपा सांसद रंजीता कोली का ट्वीट

बीजेपी सांसद रंजीता कोली ने कुछ तस्वीरें ट्वीट कर कहा, 'भरतपुर में अवैध खनन और खनन माफिया का इतना दबदबा है कि सूचना मिलने पर जब मैं कामां पहुंची तो रात के अंधेरे में अवैध खनन से जुड़े 100 से ज्यादा वाहनों ने मुझे घेर लिया और मुझ पर हमला कर दिया।

राज्य सरकार और प्रशासन द्वारा खनन माफिया को दी गई शह का नतीजा है कि वे एक जनप्रतिनिधि पर भी हमला करने से नहीं हिचकिचाते।

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